बता दें कि कायस्थ पाठशाला की स्थापना 1872 में मुंशी काली प्रसाद ने की थी, उन्होंने अपने समाज को शिक्षित करने के लिए अपने जीवन भर की कमाई को दान कर कायस्थ पाठशाला की स्थापना की थी, जो आज एशिया का सबसे बड़ा ट्रस्ट है । देश और दुनिया भर के कायस्थों का संगठन है, जिसमें हर पांच साल पर एक बार चुनाव होता है। चुनाव में अध्यक्ष सहित 20 निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्य होते हैं और अन्य 30 मनोनीत कार्यकारिणी के सदस्य बनाए जाते हैं ।
केपी ट्रस्ट का चुनाव दिसंबर के आखिरी सप्ताह में होना है, हालांकि अभी इसकी तारीख सुनिश्चित नहीं की गई है । ट्रस्ट में लगभग 30 हजार सदस्य हैं और इन्हीं सदस्यों को मतदान का अधिकार होता है। के पी ट्रस्ट में उत्तर प्रदेश सहित देश भर के अलग-अलग राज्यों से कायस्थ समाज के लोग इसके सदस्य हैं । कायस्थ पाठशाला के पूर्व अध्यक्ष चौधरी जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि इस संस्था में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, झारखंड, छत्तीसगढ़ के सदस्य हैं ।
उन्होंने बताया कि बीते 19 अगस्त को कायस्थ पाठशाला के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बैठक कर ट्रिब्यूनल के चेयरमैन और सदस्यों का चयन किया, इसके बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट की बैठक में आईपीएस प्रमोद कुमार को चुनाव अधिकारी और पूर्व एडीए के जोनल अफसर रहे राजेश कुमार को सहायक रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है, साथ ही पूर्व मुख्य न्यायाधीश गुजरात हाईकोर्ट विजय मनोहर सहाय सहित पूर्व जिला जज पीके श्रीवास्तव हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अमर सहाय की देख रेख में चुनाव होंगे।
बता दें कि के पी ट्रस्ट का सदस्य वही बन सकता है, जो मूल रूप से कायस्थ हो अंतर्जातीय विवाह करने के बाद कायस्थ पाठशाला की सदस्यता समाप्त कर दी जाती है। पाठशाला के चुनाव में हिस्सा लेने के लिए देश भर के साथ दुनिया के अलग अलग देशों में रहने वाले सदस्य मतदान के लिए पंहुचते हैं। यह पाठशाला मूल रूप शिक्षा के लिए देश भर में काम करती है । साथ ही ट्रस्ट कायस्थों को विधवा पेंशन,गरीब परिवार के लोगों की आर्थिक सहायता, गरीब बेटियों की शादी जैसे सामाजिक कार्य करती है।