
प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों पर लाठीचार्ज और आंदोलन के मद्देनजर सोमवार को आयोग परिसर के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया। आयोग की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए और पूरे इलाके को पुलिस छावनी में बदल दिया गया।
जैसे ही छात्र आयोग की ओर बढ़े पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। इससे छात्र-छात्राओं के बीच भगदड़ मच गई। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच तीखी नोकझोंक हुई और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज के बाद छात्र तितर-बितर हो गए लेकिन आंदोलनकारियों का हौसला नहीं टूटा। कई राज्य, जैसे दिल्ली, मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तराखंड से भी छात्र इस विरोध में शामिल हुए थे। इसके अलावा, मौके पर पीएसी, पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी तैनात कर दी गईं।
छात्रों की मुख्य मांग यह थी कि पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में कराई जाए। छात्रों ने ‘हैशटैग यूपीपीएससी आरओ/एआरओ वनशिफ्ट’ अभियान को सोशल मीडिया पर चलाया जिसे 2.40 लाख अभ्यर्थियों ने समर्थन दिया। आयोग ने शाम को दोनों परीक्षाओं को दो ही दिन कराने का फैसला लिया। इसके बाद छात्रों का गुस्सा और बढ़ गया और अब वे विरोध को और तेज कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने लिखा, 'युवा विरोधी भाजपा का छात्राओं और छात्रों पर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय कृत्य है। इलाहाबाद में UPPSC में धांधली को रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने जो जब माँग बुलंद की तो भ्रष्ट भाजपा सरकार हिंसक हो उठी। हम फिर दोहराते हैं : नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। हम युवाओं के साथ हैं'।
Published on:
11 Nov 2024 04:05 pm
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