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जेसीबी के सामने लेटना अपर जिला जज पर पड़ा भारी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जाने क्यों किया निलंबित

अभी इस संबंध में कोई अधिकारिक आदेश अभी जारी नहीं किया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में कर्मचारियों में भी चर्चा थी। उनके निलंबन का आदेश यहां डिस्पैच सेक्शन से सुल्तानपुर जिला न्यायालय भेज दिया गया है। उनके निलंबन का फैसला हाईकोर्ट प्रशासनिक समिति ने लिया है।

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जेसीबी के सामने लेटना अपर जिला जज पर पड़ा भारी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जाने क्यों किया निलंबित

जेसीबी के सामने लेटना अपर जिला जज पर पड़ा भारी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जाने क्यों किया निलंबित

प्रयागराज: जेसीबी के सामने लेटना अपर जिला जज पर भारी पड़ गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीजे को निलंबित कर दिया है। बस्ती जिले के हरैया थाना क्षेत्र के छपिया शुक्ल गांव में नहर खोदाई के दौरान जेसीबी के सामने लेटना अपर जिला जज प्रथम मनोज शुक्ला को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके आचरण को गलत मानते हुए निलंबित कर दिया है। अभी इस संबंध में कोई अधिकारिक आदेश अभी जारी नहीं किया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में कर्मचारियों में भी चर्चा थी। उनके निलंबन का आदेश यहां डिस्पैच सेक्शन से सुल्तानपुर जिला न्यायालय भेज दिया गया है। उनके निलंबन का फैसला हाईकोर्ट प्रशासनिक समिति ने लिया है।

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट में सपा विधायक नाहिद हसन के मामले में सुनवाई 28 अप्रैल को, जानिए मामला

आप को बता दें कि सुल्तानपुर में तैनात एडीजे प्रथम मनोज शुक्ला नहर की खोदाई केदौरान जेसीबी केसामने लेट गए थे। इसका वीडियो भी वायरल हो गया था। सियासी गलियारों में इसको लेकर तमाम चर्चाएं रहीं। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके लेटने को लेकर ट्वीट भी किया था और मौजूदा सरकार पर टिप्पणी की थी कि जब न्यायिक व्यक्ति केसाथ ऐसा हो रहा है तो आम जनता केसाथ क्या होगा।

पैतृक जमीन का है मामला

अपर जिला जज मनोज शुक्ला पूरी रात जिला प्रशासन की टीम के सामने बिना खाए-पिए जमीन पर लेटे रहे। उनका कहना था कि मैं एक न्यायिक अधिकारी हूं, यह मेरी पुश्तैनी जमीन है। जहां पर सब लोगों द्वारा हमारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है, यह काम गलत है। जमीन का अधिग्रहण नियमों के विपरीत है और डीएम ने जो आदेश दिया है वह भ्रष्टाचार से युक्त आदेश है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए एडीजे फर्स्ट मनोज शुक्ला को निलंबित कर दिया।