
Mahakumbh 2025 Naga Sadhu: महाकुंभ 2025 के दौरान अखाड़ों में 12,000 नए नागा संन्यासियों को दीक्षा दी जाएगी। ये वो संत होंगे जो सांसारिक मोह-माया को त्यागकर माता-पिता और स्वयं का पिंडदान कर संन्यास की राह पर चलेंगे। नागा संन्यासियों के निर्माण का यह अनुष्ठान महाकुंभ के दूसरे अमृत (शाही) स्नान से पहले प्रारंभ किया जाएगा, हालांकि इसकी तैयारियां काफी पहले से शुरू हो चुकी हैं। अखाड़ों में इसके लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं, और 14 जनवरी को पहले शाही स्नान के बाद यह प्रक्रिया और तेज हो जाएगी।
महाकुंभ 2025 का तीसरा अमृत स्नान, जिसे मौनी अमावस्या कहा जाता है, 29 जनवरी को होगा। इस दिन विशेष पूजा और दीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। 27 जनवरी से अखाड़ों में अनुष्ठान की शुरुआत होगी, जिसमें पहले दिन आधी रात को विशेष पूजा की जाएगी। इस पूजा में दीक्षा प्राप्त करने वाले संतों को गुरु के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। संन्यासी मध्य रात्रि गंगा में 108 डुबकी लगाएंगे, और स्नान के बाद उनकी आधी शिखा(चोटी) काट दी जाएगी। इसके बाद उन्हें तपस्या के लिए वन भेजा जाएगा। जब संत अपना शिविर छोड़ देंगे तो उन्हें मनाकर वापस बुलाया जाएगा।
तीसरे दिन, नागा बनने के लिए तैयार संत नागा भेष में लौटेंगे और उन्हें अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। गुरु के हाथ में पर्ची होगी, जो यह साबित करेगी कि वह संत नागा बनने के योग्य है। इसके बाद गुरु सुबह चार बजे उनकी पूरी शिखा काट देंगे। जब अखाड़े मौनी अमावस्या स्नान के लिए जाएंगे, तो इन्हें भी अन्य नागाओं के साथ स्नान के लिए भेजा जाएगा, और इस प्रकार वे नागा संन्यासी के रूप में स्वीकार किए जाएंगे।
HT की रिपोर्ट के मुताबिक, जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि के अनुसार, जूना अखाड़े में लगभग 5,000 नए नागा संन्यासी बनाए जाएंगे। वहीं, निरंजनी अखाड़े में 4,500 नए नागा संन्यासी बनाए जाएंगे। इसके अलावा, 1000 नागा संन्यासी आवाहन अखाड़े में, 300 महानिर्वाणी अखाड़े में, 400 आनंद अखाड़े में और 200 अटल अखाड़े में बनाए जाएंगे।
अखाड़ों में पहले सामान्य संतों को दीक्षा दी जाती है, और फिर उनकी गतिविधियों पर ध्यानपूर्वक निगरानी रखी जाती है। वे संत जो पूरी तरह से पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों में समर्पित होते हैं, उन्हें कई वर्षों तक परखा जाता है। इसके बाद, जब उनके आचार-व्यवहार और तपस्या को पूरी तरह से सही पाया जाता है, तब उन्हें नागा संन्यासी का दर्जा दिया जाता है।
Published on:
12 Jan 2025 10:28 am
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