
Prayagraj: महाकुंभ को दिव्य– भव्य बनाने के लिए गुरुवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ कुंभ मेला प्रशासन ने कई मुद्दों पर मंथन किया।
बैठक के दौरान महाकुंभ को प्लास्टिक मुक्त बचाने के लिए मेला प्रशासन और संतों के बीच सहमति बनी।
अखाड़ा परिषद ने मांस–मदिरा की दुकानों को मेला क्षेत्र से 15 किलोमीटर दूर ले जाने का प्रस्ताव दिया।
13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में भूमि सुविधाएं बढ़ाने, पेशवाई मार्गों के चौड़ीकरण के साथ ही लटके तार–खम्बो को दुरुस्त करने और संतो भक्तों की संगम पर निर्मल गंगा की धारा मुहैया कराने पर विचार किया गया।
मंडलायुक्त के गांधी सभागार में वैदिक मंगलाचरण के साथ बैठक आरंभ हुई। अफसरों ने माला पहनकर संतों का स्वागत किया इसके बाद कुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने तैयारी के बारे में जानकारी दी।
अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी ने कहा कि इस बार प्लास्टिक मुक्त मेला क्षेत्र होना चाहिए मेला क्षेत्र में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान के बीच स्वच्छता सबसे बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने शिविरों और मेले की दुकानों पर प्लास्टिक की जगह कागज के बैग और मिट्टी के बर्तन रखने का सुझाव दिया। अफसरों का कहना था की पूरी कोशिश होगी कि प्लास्टिक मेला क्षेत्र में प्रतिबंधित किया जाए।
महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत यमुना पुरी का कहना था कि संतों और भक्तों की संख्या में इजाफा होगा। इसलिए भूमि सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए।
Published on:
19 Jul 2024 11:24 am
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