
मनकामेश्वर मंदिर जहां सावन के हर सोमवार शिव का जलाभिषेक करने से पूर्ण होती है मनोकामनाएं, ऐसे पहुंचे
इलाहाबाद. यमुना किनारे अकबर के किले के समीप स्थित भगवान शिव के मानामेश्वर मंदिर का उल्लेख पुराणों में भी किया गया है। मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि सावन माह के हर सोमवार को जहां जलाभिषेक और पूजा अर्चना करने से श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है। और मनोवांछित फल मिलता है।
मंदिर के संदर्भ में स्कंद पुराण और प्रयाग महात्म्य में उल्लेखित है कि अक्षयवट के पश्चिम में पिशाचमोचन मंदिर के समीप यमुना नदी के किनारे भगवान कामेश्वर का तीर्थ है, जिन्हें शिव का पर्याय माना जाता है। और जहां शिव होते हैं वहां निश्चित रूप से माता कामेश्वरी अर्थात पार्वती का भी वास होता है। साथ ही यहां भैरव, यक्ष, किन्नर आदि भी वास हैं। जानकारों की माने तो यहां कामेश्वर और कामेश्वरी का तीर्थ स्थल होने के नाते यह स्थान श्रीविद्या की तांत्रिक साधना की दृष्टि से भी महत्व रखता है।
मंदिर परिसर में मनकामेश्वर के अतिरिक्त ऋणमुक्तेश्वर और सिद्धेश्वर महादेव के भी शिवलिंग हैं। साथ ही यहां हनुमानजी की दक्षिणमुखी मूर्ति विराजमान है। ऐसे तो यहां रोजाना भगवान शिव के दर्शन के लिए आना जाना लगा रहता है। लेकिन सावन माह के महिने में यहां श्रद्धालुओं की तादात में खासा बढ़ोत्तरी हो जाती है। खास कर सोमवार को यहां भक्तों की लंबी कतार लगती है। इसके पीछे मान्यता है कि सावन के प्रत्येक सोमवार को यहां जल चढ़ाने और दर्शन से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
वर्तमान समय में मंदिर की देखरेख जिम्मा शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के पास है। कुंभ के मेले के समय शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती अपना अधिक समय यहीं बिताते है। मंदिर में रात साढ़े आठ बजे शृंगार के बाद जलाभिषेक करने की अनुमति नहीं है। हालांकि सावन में दर्शन का क्रम भोर से आधी रात तक जारी रहता है।
कैसे पहुंचे मनकामेश्वर मंदिर
मनकामेश्वर मंदिर पहुंचने के देश के किसी भी कोने से आसानी से पहुंचा जा सकता है। इलाहाबाद रेलवे स्टेशन, सिटी रेलवे स्टेशन (रामबाग), छिवकी रेलवे स्टेशन व सिविल लाइन बस स्टेशन पर उतने के बाद ऑटो द्वारा यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
Published on:
30 Jul 2018 05:28 pm
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