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मजार जिहाद: प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर लाइन शाह बाबा की मजार बनी चर्चा का विषय, कोई झुकाता है सिर तो किसी को है परेशानी

Majar Jihad: उत्तराखंड के जंगलों में अवैध मजारों का मामला जब चर्चा में आया तब लोग उन मजारों पर भी बात करने लगे। जो सरकारी जमीन पर बने हुए हैं। इसके बाद वह मजार यूपी के कई सौ मजार चर्चा में आ गए। इसी में से एक मजार है प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर मौजूद लाइन शाह बाबा की।

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कुछ लोग बताते हैं कि जब भी बाबा की मजार को हटाने की कोशिश की गई तो वहां की पटरियां अपने आप उखड़ जाती थीं।

प्रयागराज रेलवे स्टेशन के नम्बर प्लेटफार्म एक के अंदर मजार शरीफ करामत अली उर्फ लाइन शाह बाबा की मजार बनी हुई है। सैकड़ों लोग रोज सुबह-शाम आकर इस मजार के सामने अपनी मुरादे मांगने के लिए सिर झुकाते हैं। यहां लगभग हर धर्म के लोग आते हैं।

उनकी जो भी मन्नतें होती हैं वो बाबा के सामने प्रकट करते हैं। वहीं, स्टेशन पर आने वाले अधिकतर यात्रियों की मानें तो प्लेटफार्म और स्टेशन के अंदर मजार नहीं होना चाहिए क्योंकि लोगों को इससे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और भीड़ बढ़ती है।

मजार को हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया है, मामला कोर्ट में पेंडिंग

इस मजार को हटाने यानी शिफ्ट करने के लिए नोटिस जारी किया गया है लेकिन मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर मौजूद मजार की देखरेख करने वाले लोग बताते हैं कि ये मजार शरीफ करामत अली उर्फ लाइन शाह बाबा की है। यह मजार कई सौ साल पुरानी है। यहां हर धर्म के लोग आकर बाबा के सामने सिर झुकाते हैं और अपने दुख-तकलीफ, मिन्नतों को उनसे साझा करते हैं।

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कुछ लोग इसे परेशानी मानते हैं तो कुछ लोग इसे धर्म और आस्था का मामला बताते हुए सही ठहराते हैं।

स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर मौजूद मजार की देखरेख करने वाले लोग बताते हैं कि ये मजार शरीफ करामत अली उर्फ लाइन शाह बाबा की है। यह मजार कई सौ साल पुरानी है। यहां हर धर्म के लोग आकर बाबा के सामने सिर झुकाते हैं और अपने दुख-तकलीफ, मिन्नतों को उनसे साझा करते हैं।


स्टेशन पर आने-जाने वाले यात्रियों की मानें तो प्लेटफार्म और स्टेशन के अंदर मजार का होना लोगों के लिए परेशानियों को बढ़ाने जैसा है। कुछ लोग इसे परेशानी मानते हैं तो कुछ लोग इसे धर्म और आस्था का मामला बताते हुए सही ठहराते हैं।

सैंकड़ों साल पुरानी है मजार, हटाने की कोशिश की गई लेकिन सफल नहीं हुए अधिकारी- लोग बोले

लाइन शाह बाबा के मजार के बारे में लोग बताते हैं कि मजार सैकड़ों साल पुरानी है। जब यहां कोई स्टेशन नहीं था। जब यहां पर पटरियां बिछाई जा रहीं थी तो इस मजार को हटाने की कोशिश की गई।

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कुछ लोग बताते हैं कि जब भी बाबा की मजार को हटाने की कोशिश की गई तो वहां की पटरियां अपने आप उखड़ जाती थीं। बाबा की मजार बहुत पुरानी है। इस मज़ार को हटाने के लिए नोटिस दिया गया था लेकिन मामला कोर्ट में चल रहा है। जो भी फैसला आएगा उसका आदेश माना जाएगा। इस समय यह मजार स्टेशन के अंदर ही मौजूद है और लोग दर्शन करने के लिए यहां सैकड़ों की संख्या में आते हैं।


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