
मुख्तार के बेटे उमर अंसारी को मिली राहत | Image Source - 'X'
Mukhtar Ansari Son News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को जमानत दे दी। यह जमानत उनकी मां अफसा अंसारी के फर्जी साइन मामले में दी गई है। इस केस में उमर को 27 दिन पहले लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था और बाद में सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गाजीपुर से कासगंज जेल भेज दिया गया था। उमर की गिरफ्तारी 3 अगस्त को हुई थी और गिरफ्तारी के 11 घंटे बाद कासगंज पहुंचते समय उन्होंने झूठे केस में फंसाए जाने का आरोप लगाया था। यह मामला मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे से जुड़ा है, जिसमें 10 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की गई थी।
दरअसल, यह पूरा मामला मुख्तार अंसारी की 10 करोड़ रुपए की संपत्ति को छुड़ाने की कोशिश से जुड़ा है। पुलिस ने इस संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया था। इस कुर्की के खिलाफ कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें अफसा अंसारी के हस्ताक्षर लगे थे। शासकीय अधिवक्ता ने जब इस याचिका की जांच की, तो उन्हें हस्ताक्षर संदिग्ध लगे। मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन की पार्टनरशिप डीड पर मौजूद अफसा के हस्ताक्षर याचिका पर लगे हस्ताक्षर से बिल्कुल अलग थे। उस समय अफसा अंसारी फरार चल रही थीं और उन पर 1 लाख रुपए का इनाम भी घोषित था। ऐसे में उनके द्वारा सीधे याचिका दायर करने पर संदेह और भी गहरा गया।
जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद थाना मुहम्मदाबाद में उमर अंसारी और उनके वकील लियाकत अली के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पुलिस ने 3 अगस्त को उमर को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया, जबकि वकील लियाकत अली अभी तक फरार हैं। परिवार ने उमर और लियाकत अली की जमानत के लिए अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं। 21 अगस्त को उमर अंसारी की याचिका और 22 अगस्त को लियाकत अली की याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद परिवार ने हाईकोर्ट का रुख किया। अब हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उमर की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब करीब 10 दिन पहले ही उमर के बड़े भाई अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल हुई है। अब्बास की विधायकी हेट स्पीच मामले में मऊ की MP/MLA कोर्ट द्वारा 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद रद्द कर दी गई थी। हालांकि, 20 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन ने इस फैसले पर रोक लगा दी, जिसके बाद उनकी सीट रिक्त घोषित करने का फैसला भी वापस ले लिया गया। अब्बास ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में 'हिसाब-किताब' करने वाली टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
Published on:
19 Sept 2025 02:25 pm
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