
highcourt
प्रयागराज. हाथरस मामले (Hathras Case) में पीड़िता के परिवार के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट पर रोक लगाने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) में एक याचिका दाखिल कर दी गई है। यह याचिका मुंबई के सोशल एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने दायर की है। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM yogi) ने निर्देश दिया है कि दोनों पक्षों (पीड़ित और आरोपी) और मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों का नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाए।
प्राकृतिक न्याय के सभी सिद्धांतों के खिलाफ-
गोखले ने दायर याचिका में कहा है कि पीड़िता के परिवार का नार्को-एनालिसिस टेस्ट कराना प्राकृतिक न्याय के सभी सिद्धांतों के खिलाफ है क्योंकि वे न तो मामले में अभियुक्त हैं और न ही किसी अपराध का आरोप उन पर लगाया गया है। एक पूछताछ तकनीक का पीड़ित के परिवार पर उपयोग करना जबरदस्ती का कठोर तरीका है। साकेत गोखले ने इससे पहले बीती 5 अगस्त को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संपन्न हुए राम मंदिर भूमि पूजन पर रोक लगाने के लिए भी कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
पीड़ित परिवार ने भी नार्कों टेस्ट से किया इंकार-
इससे पहले यूपी सरकार के नार्कों टेस्ट करवाने के फैसला का पीड़ित परिवार ने विरोध किया है। परिवार ने अपना नार्को टेस्ट कराने से इनकार कर दिया है।परिवार का कहना है कि उन्हें टेस्ट नहीं केवल इंसाफ चाहिए। पीड़ित की मां ने कहा कि हमें अपना नार्को टेस्ट नहीं करवाना। नार्को टेस्ट उन आरोपियों का होना चाहिए, जिन्होंने उनकी बेटी के साथ गलत किया।
नार्कों टेस्ट सरकार के पागलपन का जीता जागता सबूत- कांग्रेस
पीड़ित परिवार का नार्को टेस्ट कराए जाने के निर्देश परकांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर यूपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, 'हाथरस में पीड़ित दलित परिवार के नार्को टेस्ट की खबर आदित्यनाथ सरकार के पागलपन का जीता जागता सबूत है। पीड़ित बेटी का न इलाज हुआ, न न्याय मिला। रात को ढाई बजे पीड़ित बेटी का शव जलाया। पिता को धमकी दी गई। मोबाइल तक छीन लिया। गाँव में मीडिया नही जा सकता। अधर्मी योगी इस्तीफ़ा दो।'
Published on:
03 Oct 2020 06:48 pm
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