
CRPF जवान ने रचा अपहरण का ड्रामा
बिहार के औरंगाबाद जिले के करमडीह गांव निवासी राम किशोर कुमार, जो दिल्ली में CRPF की 122 बटालियन में तैनात है, ने अपने सामान की चोरी को छुपाने के लिए अपहरण की झूठी कहानी बना दी। लेकिन उसकी यह चाल प्रयागराज जीआरपी की जांच में पकड़ में आ गई।
25 फरवरी 2025 को राम किशोर विभागीय डाक लेकर बिहार के आरा जेल गया था। डाक सौंपने के बाद वह अचानक लापता हो गया। उसकी पत्नी सुमित्रा देवी ने आरा जीआरपी में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस को उसकी आखिरी लोकेशन इटावा में मिली, जहां से मामला इटावा जीआरपी को सौंप दिया गया।
जब पुलिस राम किशोर के घर पहुंची, तो वह वहीं मौजूद मिला। उसने बताया कि प्रयागराज स्टेशन के पास जहरखुरानों ने उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीली चीज पिलाकर बेहोश कर दिया और नैनी के जंगल में बंधक बना लिया। कुछ दिन बाद वह किसी तरह वहां से भाग निकला और घर पहुंच गया।
इटावा पुलिस ने राम किशोर की कहानी पर भरोसा करते हुए केस प्रयागराज जीआरपी को भेज दिया। केस की जांच नैनी चौकी प्रभारी राजकुमार चौहान को सौंपी गई। जांच में खुलासा हुआ कि नैनी में कोई जंगल ही नहीं है। साथ ही राम किशोर द्वारा दिए गए इलाज के पर्चे में कुत्ते के काटने की बात सामने आई, जिससे पुलिस को शक हुआ।
पुलिस ने उसे तीन बार नोटिस भेजकर बयान देने को कहा, लेकिन वह हर बार टालता रहा। आखिरकार तीसरे नोटिस पर प्रयागराज पहुंचने पर कड़ाई से पूछताछ की गई, तो उसने सच कबूल कर लिया।
राम किशोर ने बताया कि आरा से लौटते समय ट्रेन में उसका जरूरी सामान चोरी हो गया था। डर और शर्म की वजह से उसने अपहरण की कहानी गढ़ी और हरिद्वार चला गया। वहां उसे कुत्ते ने काट लिया, जिसके इलाज के लिए वह घर लौटा। फिर उसने परिवार और पुलिस को झूठी कहानी सुनाई।
राम किशोर ने बताया कि वह पारिवारिक और आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा था। उसकी जमीन पर पट्टीदारों ने कब्जा कर लिया था, बहन की शादी टूट गई थी और बैंक लोन भी चुकाना बाकी था। तनाव में आकर उसने हरिद्वार जाकर आत्महत्या करने की सोची, लेकिन कुत्ते के काटने के बाद वह वापस लौट आया।
राम किशोर की ये झूठी कहानी पुलिस की सख्ती में टिक नहीं पाई और आखिरकार उसने अपना झूठ स्वीकार कर लिया। जीआरपी अब इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।
Published on:
14 Jul 2025 10:16 pm
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