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प्रयागराज: यूपी बोर्ड परीक्षा के बीच अंतर नहीं होने से मानसिक तनाव में रहेंगे विद्यार्थी, यह है कारण

यूपी बोर्ड हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा की तारीख निश्चित होने के बाद तमाम तरह के सवाल उठने लगे हैं।

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प्रयागराज। यूपी बोर्ड ने परीक्षाओं की समय सारिणी जारी कर दी है। जिसमें मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जल्दी परीक्षा और तत्काल परिणाम का आदान-प्रदान करने की बात की थी। हालांकि, छात्रों पर यह नया कदम मानसिक दबाव डाल सकता है और इस पर बोर्ड अपनी दलील प्रस्तुत कर रहा है। लोगों का मानना है कि यदि परीक्षा के बीच दो से तीन दिन का समय नहीं मिलेगा तो परीक्षार्थी तनाव में रहेंगे। उन्हें विषयों की तैयारी का मौका नहीं मिलेगा। इससे उनके अंक में कमी आएगी।

सिर्फ 12 दिन में समाप्त हो जाएगी परीक्षा
इस बार यूपी बोर्ड ने 12वीं की परीक्षा को पिछले वर्षों की तुलना में 12 दिनों में ही समाप्त करने का निर्णय लिया है, जो पिछले वर्ष 14 दिनों में हुई थी। इससे छात्रों पर दबाव बढ़ सकता है। खासकर जब दो मुख्य विषयों की परीक्षा एक ही दिन में होनी है।
परीक्षाएं 12 दिनों में समाप्त होने के साथ, पहली पाली में परीक्षार्थियों को आधे घंटे की राहत मिलेगी। इससे पहले पहली पाली की परीक्षा सुबह 8 बजे से होती थी, लेकिन इस बार बोर्ड ने इसे सुबह साढ़े 8 बजे से शुरू करने का निर्णय लिया है।

होली से पहले खत्म हो जाएगी परीक्षा
होली के त्योहार के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस बार होली 25 मार्च को है, जबकि परीक्षाएं 9 मार्च को समाप्त हो जाएंगी। इससे छात्रों को होली का जश्न पूरे उत्साह से मनाने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा शादी विवाह और लगन के समय से पहले ही परीक्षा समाप्त हो जाएगी। वहीं अध्यापकों का कहना है कि यूपी बोर्ड का यह निर्णय गलत है परीक्षा के बीच में काम से कम 20 से 25 दिन का समय मिलना चाहिए था।


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