
इलाहाबाद: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतनलाल हंग्लू की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है।विश्वविद्यालय में कई दशक बाद राष्ट्रपति के कार्यक्रम तय होने के बाद कुलपति सहित उनके खेमे में उत्साहथा।विश्वविद्यालय में तैयारियां जोरों पर थी। दिल्ली से आलाधिकारी लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों के संपर्क में थे।लेकिन बीती शाम इविवि को पत्र मिला की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।जिसके बाद कुलपति के खेमे में एक बार फिर हलचल है।
राष्ट्रपति सचिवालय से आए पत्र में यह स्पष्ट नहीं है कि उनका कार्यक्रम किस कारण से विश्वविद्यालय में रद्द किया जा रहा है।लेकिन विवि के किसी कार्यक्रम में राष्ट्रपति हिस्सा नहीं लेंगे।वही कुलपति के विरोधी खेमों की मानें तो लंबे समय से कैंपस में चल रहे कुलपति के खिलाफ आंदोलन की वजह से राष्ट्रपति का कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया ।मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इस कार्यक्रम की जानकारी के बाद उच्चधिकारी राष्ट्रपति सचिवालय और विश्वविद्यालय प्रशासन सहित जिला प्रशासन के संपर्क में थे। लेकिन अचानक कार्यक्रम रद्द होने के बाद कैम्पस में तमाम सवाल उठ रहे है।जानकारी के मुताबिक़ मानव संसाधन विकास मंत्रालय के हस्तक्षेप पर राष्ट्रपति सचिवालय ने विश्वविद्यालय में महामहिम के कार्यक्रम को रद्द कर दिया।
राष्ट्रपति के रद्द कार्यक्रम की वजह तमाम विवाद है। जिसको लेकर बीते कई सालो से लगातार उनका विरोध हो रहा है।विवि के सूत्रों की माने तो एमएचआरडी को इस बात की पूरी आशंका थी। कि बीते तीन सालों में अलग.अलग मुद्दों पर लेकर कुलपति का विरोध कैंपस में हो रहा है। जिसको लेकर राष्ट्रपति के सामने भी किसी भी प्रकार का विरोध ना हो।जिससे बचने के लिए राष्ट्रपति के सचिवालय को उन सभी मुद्दों की जानकारी दी गई।जिसको लेकर विश्वविद्यालय में विरोध चल रहा है।
राष्ट्रपति के कार्यक्रम के निरस्तीकरण के बाद एक बार फिर कुलपति निशाने पर है। विरोधी कह रहे है की कि कुलपति रतनलाल हांगलू से जुड़े विवादों को लेकर इस कार्यक्रम को रद्द किया गया है।विश्वविद्यालय में लगातार कुलपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और बवाल चल रहा है।विवि के एक पूर्व प्रशानिक अधिकारी की माने तो बीते दिनों एमएचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावेडकर ने खुद कहा था की जल्द ही इविवि के कुलपति को लेकर कोई निर्णय लिया जायेगा। कुलपति के खिलाफ वित्तीय अनियमितता सहित तमाम आरोप है।
बता दें की बीते दिनों एमएचआरडी मिनिस्ट्री द्वारा भेजी गई।फैक्ट फाइंडिंग कमेटी विवि आयी जिससे विवि से जुडे विवदो की रिपोर्ट मांगी थी। 5 सदस्यीय कमेटी विश्वविद्यालय कैंपस में तीन दिन रही।विश्वविद्यालय से जुड़े तमाम तथ्यों को जाना अलग अलग लोगो से मिलकर कुलपति और विवि की गतिविधियों की जानकारी ली। कुछ दिनों पहले ही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मंत्रलाय को सौपी है।ऐसा माना जा रह है उसके बाद एमएचआरडी मिनिस्ट्री ने कुलपति के खिलाफ लगाए गए आरोपों को गंभीरता से ले रही है।कमेटी के सामने उन सभी तथ्यों को कुलपति के विरोधी खेमे ने रखा था।
जिसमे विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय के प्राचार्य को सेवा विस्तार दिया गया। वहीं कुलपति के ओएसडी को महाविद्यालय में नियुक्त किया गया। साथ ही तमाम महाविद्यालयों में जहां पर साक्षात्कार चल रहे हैं।वहां शिक्षकों की भर्ती को लेकर विरोध हो रहा है।इसके पहले भी तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कुलपति को दिल्ली तलब किया था। उसके बाद कई बार एमएचआरडी के अधिकारियों ने कुलपति से बात की और दिल्ली बुलाया गया।लेकिन उसके बावजूद भी कुलपति का विवादों से नाता नहीं टुटा।ऐसे में राष्ट्रपति के सामने किसी भी तरीके के विरोध प्रदर्शन को मानव संसाधन विकास मंत्रालय नहीं चाहता माना जा रहा है।
राष्ट्रपति मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में 14वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। उसके बाद उन्हें इविवि की साइंस फैकल्टी स्थित नैनोटेक्नोलॉजी एप्लीकेशन सेंटर में स्थापित एक्सीलरेटर बेस्ट हाईफ्लूएंस आयन बीम को टीम को राष्ट्र को समर्पित था।जिसे अब रद्द कर दिया गया ,राष्ट्रपति संगम नगरी में दो दिन रहेंगे।दीक्षांत समारोह के आलावा हाइकोर्ट भी जायेंगे।लेकिन उनका इविवि का दौरा रद्द कर दिया गया है। जो कुलपति के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नही है। जहाँ उनके खेमे में मायूसी है तो वही विरोधी अब उन्हें घेरने में जुटे है।
Published on:
06 Dec 2017 02:59 pm
बड़ी खबरें
View Allप्रयागराज
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
