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RAF डे: दंगा कंट्रोल में एक्सपर्ट, विपरीत परिस्थितियों में भीड़ डिस्पर्स करने में माहिर

स फोर्स को महारत हासिल है। इनके पास 12 बोर पंप एक्शन गन के साथ 30.8 एमएम मल्टीशेल नेचर हथियार भी शामिल हैं। 12 बोर की गन से जवान 400 फीट की दूरी पर रहने के साथ ही उपद्रवियों को नियंत्रण में कर सकता है। इस बल के वर्षगांठ पर पढ़िए इसकी पूरी कहानी...

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RAF यानी रैपिड एक्शन फोर्स की स्थापना 11 दिसंबर 1991 को नई दिल्ली में की गई थी। इस विशेष फोर्स का मुख्य काम दंगों, दंगे जैसी स्थितियों, भीड़ नियंत्रण, बचाव और राहत कार्यों और संबंधित डिस्टर्बेंस से निपटना है। समय के साथ दंगे और इसके जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए यह बल 7 अक्टूबर 1992 को पूरी तरह से एक्टिव हो गया।

RAF की पहली पांच बटालियनें अक्टूबर 1992 तक गठित की गईं और अप्रैल 1994 में अतिरिक्त 5 बटालियनें जोड़ी गईं। अक्टूबर 2003 में, 11 साल की सेवा के साथ, बल को राष्ट्रपति के रंग के साथ प्रस्तुत किया गया था। 9 नवंबर 2013 को, उत्तर प्रदेश के मेरठ में RAF एकेडमी ऑफ पब्लिक ऑर्डर की स्थापना की गई। साल 2017 में, भारत सरकार ने नई दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में तैनाती के लिए पांच और बटालियनों को मंजूरी दी।

किस रैंक के अधिकारी के कंधों पर होती है बल की जिम्मेदारी
RAF की कमान नई दिल्ली में कार्यरत पुलिस महानिरीक्षक यानी IGP के पास होती है। आरएएफ को नई दिल्ली और मुंबई में एक DIGP की अध्यक्षता में दो कैटेगरी में डिवाइड किया गया है। RAF के पास नीले रंग के पेड़ के पत्ते पैटर्न के साथ एक विशिष्ट वर्दी है जो शांति का प्रतीक है। इसका आदर्श वाक्य है "संवेदनशील पुलिसिंग के साथ मानवता की सेवा"।

वर्तमान में इसके पास 15 स्पेशल ट्रेंड और सुसज्जित बटालियन हैं। जिनकी CRPF में संख्या 83, 91, 97, 99 से 108, 114 और 194 है। प्रत्येक बटालियन का नेतृत्व एक कमांडिंग ऑफिसर यानी CO करता है, जो कमांडेंट रैंक का एक अधिकारी होता है।

आइए जानते हैं कि RAF के पास कौन-कौन से घातक हथियार हैं। जिनके बारे में जानकर दंगाई अपने दिमाग से दंगा वर्ड को कोमा में भेज देंगे…

मल्टीशेल नेचर गन: मल्टीशेल नेचर हथियार में 30.8 एमएम बोर होता है। इसके अंदर 6 सिलेंडर होते है। उपद्रवियों पर एक बार में छह शैल दागे जा सकते हैं। उपद्रवियों की संख्या अधिक होने पर इस हथियार का प्रयोग किया जाता है। इस हथियार का प्रयोग होते ही उपद्रवियों में भगदड़ मच जाती है।

12 बोर पंप एक्शन गन: 12 बोर पंप एक्शन गन को दोनाली नाम से भी जाना जाता है। इससे 12 तरह के राउंड चलाए जा सकते हैं। इसमें छर्रे, रबड़ राउंड के अलावा ऐसे बुलेट भी छोड़े जा सकते हैं, जो उपद्रवियों को एक ही गोली में ढेर कर दे। इसकी रेंज 200 से 400 फीट तक होती है। इस हथियार का प्रयोग से भीड़ को जल्द से जल्द नियंत्रण किया जा सकता है।


बड़े ऑपरेशन में एक्सपर्ट और बहादुरी में अव्वल दर्जा यही इस बल की पहचान है

दंगा और भीड़ नियंत्रण
इस इकाई का उपयोग सांप्रदायिक हिंसा, कानून और व्यवस्था ड्यूटी, त्योहार और चुनाव कर्तव्यों और आंदोलन से निपटने के लिए किया गया है।

संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियान
RAF की व्यवस्था के तहत CRPF की फीमेल और मेल टुकड़ियों को 2007-08 से संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में लाइबेरिया (UNMIL), मोनरोविया और ज़्वेड्रू में संयुक्त राष्ट्र मिशन में तैनात किया गया है। CRPF महिला गठित पुलिस यूनिट दुनिया में अपनी तरह की पहली यूनिट थी, जिसे संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा मिशन के किसी मिशन में तैनाती मिली थी।

मानवीय गतिविधियां
RAF सरकार के मानवीय चेहरे को पेश करने में भी सफल रही है। देश के अलग-अलग हिस्सों में बाढ़, भूकंप, चक्रवात और महामारी के प्रकोप के दौरान त्वरित बचाव और राहत अभियान चलाकर जनता के साथ बेहतर रिलेशन को मेंटेन रखा है।

एंटी टेररिस्ट ऑपरेशन
नवंबर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान, RAF ओबेरॉय ट्राइडेंट और ताज महल होटलों के आसपास के इलाकों की घेराबंदी में शामिल था। 88 महिला बटालियन की कमलेश कुमारी को 2001 के भारतीय संसद हमले के दौरान उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।