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बड़ी खबर; वेटिंग टिकट से स्लीपर कोच में यात्रा बंद, रेलवे ने क्यों उठाया सख्त कदम?

Railway update: वेटिंग टिकट से स्लीपर में सफर बंद होने के बाद अब यात्रियों के सामने टिकट को कन्फर्म कराने को लेकर बड़ी समस्या आ रही है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं रेलवे के ऐसे कोटे के बारे में जिनकी मदद से आसानी से टिकट कन्फर्म हो जाता है। अधिकतर लोगों को इनके बारे में जानकारी नहीं होती है। जिसके कारण परेशानी उठानी पड़ती है।

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Railway update: रेलवे की ओर से वेटिंग टिकट से स्लीपर में सफर पर अब सख्ती की जा रही है। ऐसे में यात्रियों को काफी परेशान होना पड़ रहा है। स्लीपर या एसी में कन्फर्म टिकट मिलना हर किसी के लिए बड़ी चुनौती हो गया है। इन यात्रियों में कुछ ऐसे होते हैं जो रेलवे का कोटा इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको बता दें कि रेलवे कई तरह के खास कोटे के जरिए यात्रियों को टिकट कन्फर्म कराने की सुविधा देता है, बशर्ते उन कोटे के नियम और पात्रता का पालन सही तरीके से किया गया हो। चलिए आपको बताते हैं रेलवे के इन कोटे के बारे में.

कैंसर मरीजों के लिए इमरजेंसी कोटा
रेलवे प्रशासन कैंसर मरीजों के लिए इमरजेंसी कोटा देता है. भले कोई कोटा क्यों न लगा हो लेकिन अगर कोई कैंसर पेसेंट टिकट बुक करता है तो इमरजेंसी में रेलवे की तरफ से कैंसर मरीज के टिकट को महत्व दिया जाता है और उसे सबसे पहले टिकट देने की व्यवस्था है।

तत्काल कोटा
Railway update: तत्काल कोटा उन यात्रियों के लिए है जिनकी यात्रा की योजना तत्काल हो। फर्स्ट एसी और एग्जीक्यूटिव क्लास को छोड़कर सभी क्लास के लिए बुकिंग की जा सकती है। इस कोटे के लिए बुकिंग ट्रेन खुलने की तारीख से एक दिन पहले सुबह 10 बजे एसी क्लास के लिए और सुबह 11 बजे नॉन-एसी क्लास के लिए ओपन होता है और पलभर में सीटें भर जाती हैं।

प्रीमियम तत्काल कोटा
प्रीमियम तत्काल कोटे के तहत रेलवे प्रशासन कुछ सीटें रिजर्व करता है जिन यात्रियों को तत्काल यात्रा करनी होती है, उनके लिए किराए में इजाफा कर दिया जाता है। बुकिंग प्रक्रिया तत्काल कोटे के समय ही शुरू होती है. एसी क्लास के लिए सुबह 10 बजे और नॉन-एसी क्लास के लिए सुबह 11 बजे कोटा ओपन हो जाता है। यात्री अपनी सीट बुक कर सकता है।

सामान्य कोटे में चार माह पहले से बुकिंग
ट्रेन टिकट बुकिंग में जनरल कोटा सबसे आम कोटा है। इसमें ट्रेन में सबसे ज़्यादा सीटें आवंटित की जाती हैं। इसके लिए बुकिंग चार माह पहले शुरू होती है.

हेड क्वार्टर (HO) कोटा में पहले आओ, पहले पाओ
रेलवे अधिकारियों, वीआईपी और ब्यूरोक्रेट्स के लिए ट्रेन में कुछ सीटें रिजर्व की जाती हैं। सीटों का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाता है. यह कोटा उन टिकटों पर लागू होता है। जो सामान्य कोटे में बुक होते हैं लेकिन वे वेटिंग लिस्ट में हैं।

दिव्यांग कोटा में मिलती दो बर्थ
दिव्यांगजन कोटा शारीरिक रूप से दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित है। उन्हें यात्रा के लिए दो बर्थ आवंटित किए जाते हैं। निचली बर्थ दिव्यांग के लिए होती है और बीच वाली बर्थ उनके साथ आने वाले सहचर के लिए रिजर्व की जाती है।

मंत्री, विधायक और सांसद कोटा
Railway update: रेलवे के हेड क्वार्टर कोटे की तरह संसद भवन कोटा विधायकों, सांसदों, राज्य और केंद्र के मंत्रियों, न्यायाधीशों के लिए है. यह उच्चाधिकारियों के लिए निर्धारित सीटों की संख्या को दर्शाता है। इसका प्रयोग वे अपनी तत्काल यात्रा को पूरा करने के लिए कर सकते हैं।

डिफेंस कोटा के लिए आईडी कार्ड जरूरी
रेलवे में रक्षा अधिकारियों के लिए कोटा है और इसका लाभ उनके आईडी कार्ड के ज़रिए उठाया जा सकता है। डिफेंस कोटे के जरिए बुक किए गए टिकटों का इस्तेमाल ट्रांसफर, घर वापस जाने या अवकाश के बाद फिर से ड्यूटी पर लौटने के लिए किया जाता है।

महिला कोटा भी होता है
यह कोटा अकेले या 12 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ यात्रा करने वाली महिला यात्री के लिए आरक्षित है। कुछ ट्रेनों में सेकंड सीटिंग और स्लीपर क्लास में महिला यात्रियों के लिए आधा दर्जन सीटें निर्धारित की गई हैं।

विदेशी पर्यटकों के लिए अलग कोटा
रेलवे की सभी ट्रेनों में विभिन्न श्रेणियों में वैध वीज़ा रखने वाले विदेशी पर्यटकों और एनआरआई के लिए भी कुछ सीटें रिजर्व की जाती हैं। इन सीटों का किराया रेलवे के बेस किराए से डेढ़ गुना अधिक है।

ड्यूटी पास कोटा
रेलवे कर्मचारियों को उनकी ड्यूटी के लिए ट्रेन में चढ़ने के लिए ड्यूटी पास कोटा दिया जाता है. सभी श्रेणियों में सेवारत/सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारियों के लिए सीमित संख्या में बर्थ रिजर्व हैं जो इस कोटे के तहत बुक होती हैं।

45 साल से अधिक की महिला और सीनियर सिटीजन कोटा
एसएस कोटे के तहत 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं और अकेले यात्रा करने वाले सीनियर सिटीजन को ट्रेन में नीचे की बर्थ दी जाती है। इस कोटे के तहत एक बार में सिर्फ दो टिकट बुक किए जा सकते हैं।

आम यात्री कैसे करें कोटे के लिए आवेदन
खास कोटे की सुविधा पाने के लिए यात्रियों को संबंधित रेलवे स्टेशन पर संपर्क करना होता है. मसलन कोई कैंसर मरीज के लिए कोटे की सुविधा पानी है तो संबंधित स्टेशन में जाकर संपर्क कर सकते हैं। यहां आपको आवेदन फार्म भरने के साथ ही बीमारी का प्रमाण यानी दस्तावेज आदि जमा करना होता है। इसके बाद आपके टिकट पर कोटा लागू हो जाता है और यह कन्फर्म हो जाता है। अन्य कोटे की सुविधा पाने के लिए भी आपको इसी तरह संपर्क करना होगा।