
इलाहाबाद
प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद जिले का नाम बदलकर प्रयागराज करने के राज्य सरकार की अधिसूचना की वैधता को चुनौती याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है और याची से कहा है कि वह राज्य सरकार के समक्ष याचिका में उठाये गये मुद्दे प्रत्यावेदन के माध्यम से दाखिल करे। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि बिना सरकार को शिकायत किये समादेश जारी करने की मांग में याचिका पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सी.डी.सिंह की खण्डपीठ ने अधिवक्ता सुनीता शर्मा की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता विजय चन्द्र श्रीवास्तव व एस.सी.मिश्र ने बहस की। याची का कहना था कि राज्य सरकार ने इलाहाबाद नाम के ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व की अनदेखी कर नाम परिवर्तित किया और 2019 में लगने वाले अर्द्धकुम्भ का नाम देकर धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। सरकार ने जिले का नाम बदलकर राजस्व संहिता की धारा 3 का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने कहा कि समादेश की मांग में याचिका दाखिल करने से पहले याची को सरकार के समक्ष आपत्ति करनी चाहिए। इसी मामले में लखनऊ पीठ ने एक दिन पहले सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट में इसी मुद्दे पर अन्य याचिकाएं लंबित हैं।
By Court Correspondence
Published on:
14 Nov 2018 02:19 pm
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