19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इंजीनियरिंग कालेजों में छात्रों को नहीं देनी होगी बढ़ी फीस: हाईकोर्ट

प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा की पहल पर दाखिल हुई अपील पर फैसला

2 min read
Google source verification

image

Nandan Singh

Sep 27, 2016

allahabad hc

allahabad hc

इलाहाबाद.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों को राहत देते हुए निर्देश दिया है कि प्रदेशभर के इंजीनियरिंग कॉलेज इस सत्र 2016-17 में छात्रों से बढ़ी हुई फीस नहीं वसूल करेंगे। कोर्ट ने प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए सत्र 17-18, 18-19 और 19-20 सत्र की फीस छह माह में तय करने का निर्देश दिया है।




साथ ही इस संबंध में एकल न्यायपीठ के आदेश को अप्रभावी घोषित कर दिया है। एकलपीठ ने अपने आदेश में निजी इंजीनयरिंग कॉलेजों को 29 अगस्त तक फीस का प्रस्ताव देने तथा प्रदेश सरकार के 26 नवम्बर तक 16-17 सत्र की फीस तय करने का निर्देश दिया था। एकल पीठ ने छात्रों से भी कहा था कि यदि फीस तय होने के बाद बढ़ती है तो वह बढ़ी फीस देने को बाध्य होंगे।



प्रदेश सरकार ने इस निर्णय को विशेष अपील दाखिल कर चुनौती दी थी। सरकार के विशेष अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने बताया कि निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए फीस प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा की अध्यक्षता वाली समिति करती है। इस वर्ष प्रमुखसचिव ने फीस तय करने के लिए उपसमिति का गठन कर दिया। उपसमिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस वर्ष का शुल्क अभी तय नहीं हो सकता इसलिए संस्थान वर्ष 15-16 की फीस ही वसूल करें प्रदेश सरकार ने 22 जून 2016को शासनादेश जारी कर पुरानी फीस ही वसूल करने का निर्देश दिया।




शासनादेश को अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज गाजियाबाद ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। एकल पीठ ने 22 जून 16 का शासनादेश रद्द करते हुए निजी कॉलेजों को फीस का प्रस्ताव देने और प्रदेश सरकार को फीस घोषित करने का आदेश दिया था। एकल पीठ के आदेश को विशेष अपील में चुनौती दी गयी थी। मुख्य न्यायाधीश दिलीप बी.भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने एकल जज के आदेश को अप्रभावी घोषित कर दिया। प्रदेश सरकार को छह माह में तीनों सत्र की फीस घोषित करने तथा मौजूदा सत्र में पुराने फीस ही वसूल करने का निर्देश दिया है।

ये भी पढ़ें

image