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दस मिनट पहले फोन पर हुई थी बात, फिर आई खबर कि एके 47 से कर दी गई हत्या

-कहा घर में भी घूघंट ओढ़ कर रहती थी -नही मालूम थी देश दुनियां की बाते

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talk on phone ten minutes ago, then came news that AK 47 was murdered

दस मिनट पहले फोन पर हुई थी बात, फिर आई खबर कि एके 47 से कर दी गई हत्या

प्रयागराज | जिला अदालत ने 23 साल बाद हत्या के दोषी करार दिए गए करवरिया बंधुओं सहित एक अन्य को उम्र कैद की सजा सुनायी है। जवाहर पंडित हत्याकांड में दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाये जाने के फैसले को जवाहर पंडित कि पत्नी और पूर्व सपा विधायक विजमा यादव ने न्याय की जीत बताया है। अदालत के फैसले पर संतोष जताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें अदालत से न्याय मिलने की पूरी उम्मीद थी। हांलाकि 23 साल की लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद देरी से न्याय मिलने का मलाल जरुर है। इस दौरान विजमा यादव ने अपने पति को याद करते हुए अपने आंसू नहीं रोक पायी । कहा उन्होंने मौत से दस मिनट पहले मुझे फोन किया था।


घर में बिटिया की शादी की तैयारी

जवाहर पंडित हत्याकांड का फैसला ऐसे वक्त आया है जबकि उनकी बड़ी बेटी और फूलपुर की ब्लाक प्रमुख ज्योति यादव की शादी की घर में तैयारियां चल रही हैं। ज्योति यादव की 21 नवम्बर को शादी है। कोर्ट के फैसले का जवाहर पंडित के बच्चों ने भी स्वागत किया है। विजमा यादव ने कहा की आज बिटिया के शादी की तैयारी चल रही है। आज पंडित होते उन्हें बहुत अच्छा लगता। उन्होंने कहा की जिस दिन हत्या हुई उस दिन शाम को हत्या से दस मिनट पहले उनका फोन आया था बोले थोडा देर होगी मुझे मंदिर में पूजा कर लो। बताया की उस समय मोबाइल नही था लैंड लाइन पर फोन आया था। जिसके बाद सारी जिंदगी की जिम्मेदारी दे कर चल गए। गौरतलब है कि एडीजे बद्री विशाल पाण्डेय ने इस मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद 18 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था और 31 अक्टूबर को चारों आरोपियों को दोषी करार दिया है।


भगवान के घर देर है अंधेर नही

इसके साथ ही चारों आरोपियों पर अलग -अलग धाराओं में 7 लाख 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। अशोक नगर स्थित अपने घर पर पत्रिका से बात करते हुए से बात करते हुए पूर्व विधायक विजमा यादव की आंखे भर आयीं। उन्होंने ने कहा कि पति की हत्या के बाद न्याय पाने के लिए उन्हें लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। उन्होंने कहा कि इस बीच राज्य सरकार ने मुकदमा वापस ले लिया था। लेकिन सरकार के फैसले का भी प्रतिरोध करना पड़ा। उन्सहोंने कहा की सरकार से बड़ी अदालत है। सजा के ऐलान के बाद कहा कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं । उन्होंने कहा कि यकीन हुआ कि सरकार बड़ी नहीं होती अदालत बड़ी होती है ।


अब उन्हें दर्द का एहसास होगा

उन्होंने कहा कि मैंने अपने छोटे.छोटे बच्चों के साथ अपनी जिंदगी किस तरह बिताई है यह मैं जानती हूं। मुझे देश दुनिया के बारे में नहीं पता था। घर में भी घूंघट ओढ़ के ही रहती थी। 23 साल के संघर्ष के बाद आज मुझे जीत मिली है। इसके लिए उन्होंने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने भी हमारी बहुत मदद की। हमारी हिम्मत नहीं टूटने दी। भावुक मन से विजमा यादव ने न्यायालय का धन्यवाद दिया और कहा कि जिस दर्द को हम 23 बरस तक झेलते चले आ रहे थेए आज उससे थोड़ा मन हल्का हुआ है। उन्होंने कहा कि जो तकलीफ हमने आज के 23 बरस पहले झेली थी आज वही दूसरों को झेलनी पड़ रही उन्हें तब एहसास होगा।