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ईद पर बगैर अतीक-अशरफ के मोहल्ले में छाया रहा मातम, न झूले लगे और न डीजे बजा

Eid 2023: एक दौर था जब चकिया, कसारी-मसारी की ईद का जश्न दूर दूर तक प्रसिद्ध था, जब अतीक के घर पर ईदी लेने लिए लंबी कतार लगती थी।

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Atiq Ahmad Murder

प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद-अशरफ की हत्या कर दी गई। यह घटना 15 अप्रैल शनिवार रात साढ़े दस बजे की है। 3 हमलावरों ने दोनों भाइयों को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है। ईद जैसे पर्व पर भी अतीक अहमद के मोहल्ले की रौनक गायब रही।

ईद की खुशियां भले ही पूरे शहर में देखने को मिलीं, लेकिन अतीक अहमद के मोहल्ले में इस बार न तो झूले लगे और न ही कहीं डीजे बजा। यहां तक कि दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। चकिया चौराहे पर सुरक्षा में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात रहे।

एक दौर था जब चकिया का जश्न दूर-दूर तक प्रसिद्ध था
सुबह के समय ईद की नमाज अदा करने के बाद लोगों ने अपने घरों में ही ईद मनाना मुनासिब समझा। नूरी से हरी मस्जिद तक सड़कों पर गिनती के लोग की एक दूसरे को ईद की बधाई देते नजर आ रहे थे। लेकिन इस बार ईद के मौके पर लोग घर से बाहर तक नहीं निकले। एक दौर था जब चकिया, कसारी-मसारी की ईद का जश्न दूर दूर तक प्रसिद्ध था।

अतीक के घर पर ईदी लेने लिए लंबी लगती थी कतार
ईद पर लोग कसारी-मसारी में रहने वाले अपने मित्रों, सगे संबंधियों को बधाई देने के आते थे। अतीक के घर पर ईदी लेने लिए लंबी कतार लगती थी। घर के पास झूले भी लगे होते थे, जहां बच्चे सारा दिन मस्ती करते थे। सड़कों पर चहल पहल होती थी। शाम के समय चकिया के पोस्ट ऑफिस वाली गली में डीजे लगता था।


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साल 2016 में अतीक अहमद के जेल जाने के बाद से यह रौनक खत्म सी होने लगी थी। इस बार चकिया, कसारी-मसारी की सड़कों पर कुछ ही लोग नजर आए। चकिया के अलावा करबला, राजरूपपुर, हिम्मतगंज, शाहगंज और चौक इलाके में भी आरएफ, पीएसी और सिविल पुलिस बल की तैनात रही।