यूपी बोर्ड स्क्रूटनी के दौरान अगर किसी उत्तर पुस्तिका में शक होता है तो उसकी फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। जिन उत्तर पुस्तिकाओं में मूल्यांकन में कोई गलती पाई जाती है, उनके जांच करने वाले परीक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने इस मामले में सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों से रिपोर्ट मांगी है।
15 जुलाई तक जारी किया जाएगा स्क्रूटनी का परिणाम
स्क्रूटनी का परिणाम 15 जुलाई तक जारी किया जाएगा। सचिव ने बताया कि मुख्यालय में भेजी गई उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में अगर अंकों में बढ़ोतरी के पीछे स्याही बदलने, ओवरराइटिंग या अन्य गलतियों का पता चलता है तो उसे विषय विशेषज्ञों के साथ गहराई से जांचा जाएगा। अगर मामला संदिग्ध लगे तो फॉरेंसिक जांच भी कराई जाएगी।
दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई
अगर स्क्रूटनी में किसी के दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सचिव ने प्रयागराज, मेरठ, बरेली, वाराणसी और गोरखपुर के अपर सचिवों को 2025 के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के नियम बताए हैं। जिन पुस्तिकाओं में गलतियाँ जैसे अमूल्यांकित प्रश्न, अग्रसारण त्रुटि, योग त्रुटि आदि पाई जाएं, उन परीक्षकों की सूची मुख्यालय को भेजनी होगी ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई हो सके।
इंटरमीडिएट के लिए अलग-अलग चार सदस्यीय टीम बनाई जाएगी
सचिव ने कहा है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के लिए अलग-अलग चार सदस्यीय टीम बनाई जाएगी, जिसमें उप सचिव, सहायक सचिव और प्रशासनिक अधिकारी होंगे। स्क्रूटनी के लिए जितने आवेदन आएंगे, उसके अनुसार प्रत्येक टीम सदस्य को उत्तर पुस्तिकाएं बांटी जाएंगी। जांच सही और साफ तरीके से करने के लिए पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए जाएंगे। सचिव ने यह भी कहा कि स्क्रूटनी का काम सीसीटीवी कैमरों से रिकॉर्ड किया जाएगा और रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखी जाएगी। जहां भी स्क्रूटनी का काम होगा, वहां केवल संबंधित अधिकारी और कर्मचारी ही जा सकेंगे, बाकी किसी का प्रवेश मना होगा।