
यूपीपीएससी की सीबीआई जाँच
इलाहाबाद. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की करीब 600 भर्तियों के रिकार्ड को सीबीआई की फाॅरेंसिक टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई के हाथ कई ऐसे दस्तावेज लगे हैं, जिनसे आयोग की भर्तियों में हुई धांधली का बड़ा खुलासा हो सकता है। वहीं सीबीआई की इस जांच से आयोग के कई अधिकारियों और कर्मचारियों के पसीने छूटे हैं।
सपा कार्यकाल अप्रैल 2012 से मार्च 2017 के बीच आयोग से निकली भर्तियों में जबरदस्त धांधली का अरोप लगा है। आयोग से निकली उन भर्तियों की जांच करने सीबीआई तीन दिन से इलाहाबाद में साक्ष्य जुटाने में लगी है। शनिवार को छुट्टी के दिन भी सीबीआई की टीम आयोग के अंदर विभिन्न कम्प्यूटर में रखे दस्तावेजों को स्कैन करती रही। जांच के दौरान सीबीआई ने आयोग के अंदर कम्प्यूटर सेक्शन के कर्मचारियों से पूछताछ की। जिसमें सीबीआई ने पूछा इस सेक्शन में कौन कब से तैनात है।
सीबीआई जांच की सूचना के बाद कम्प्यूटर सेक्शन से किसको बदला गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक सीबीआई करीब 600 भर्तियों के रिकार्ड अपने कब्जे में ले चुकी है। जांच के दौरान सीबीआई के हाथ कई ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हाथ लगे हैं। जिनसे कई बड़ी भर्तियों में हुई धांधली का खुलासा हो सकता है। इनमंे पीसीएस परीक्षा 2016, पीसीएस परीक्षा 2015 और आरओ व एआरओ परीक्षा 2016 मुख्य सहित कुछ अन्य भर्तियां शामिल है।
परीक्षा से जुडे़ कर्मचारी से लेकर एक्सपर्ट तक के छूटे पसीने
सीबीआई मुख्य की टीम मुख्य रूप से पीसीएस 2011 और 2015 को आधार बना कर जांच कर रही है। साथ ही कई अन्य परीक्षाएं भी बड़ी जांच के दायरे में हैं। इसमें पेपर आउट होने, काॅपी बदले जाने, अंक घटने व बढ़ाने सहित कई अन्य चीजों पर ध्यान दिया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीआई पहले भर्ती किए गए दस्तावेजों को खंगालेगी। जांच में जिन भर्तियों में सबसे बड़ी गड़बड़ी मिलेगी। उसकी प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा से लेकर अंतिम चयन प्रक्रिया तक में जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच करेगी। सीबीआई की इस जांच से आयोग के कई अधिकारियों और कर्मचारियों के होश उड़ गए हैं।
Published on:
04 Feb 2018 09:50 am
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