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यूपीपीएससी अभ्यर्थियों के आंदोलन पर डिप्टी सीएम केशव मौर्या की प्रतिक्रिया, अधिकारियों को समाधान करने का निर्देश

uppsc protest: यूपीपीएससी के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन जारी है। उनकी मांगों को लेकर चल रहे प्रदर्शन के मामले में यूपी सरकार का रुख नरम है। वहीं यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने छात्रों के आंदोलन पर प्रतिक्रिया के साथ ही अफसरों को छात्रों की चिंताओं का शीघ़ समाधान निकालने का निर्देश दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं।

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uppsc protest

UPPSC PROTEST: पीसीएस प्री और आरओ एआरओ की परीक्षा दो दिन में करवाने का विरोध दूसरे दिन भी जारी हो गया है। प्रयागराज में सोमवार को यूपी के अलग-अलग जिलों और दूसरे राज्यों से पहुंचे अभ्यर्थियों ने लोक सेवा आयोग के बाहर घरना दिया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच झड़प भी हुई। आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने आयोग के ऑफिस जाने वाली रास्तों पर बैरिकेड लगा दिया गया और पूरा इलाका छावनी में बदल गया। मंगलवार को दूसरे दिन भी छात्रों का प्रदर्शन जारी है। इस पूरे मामले में यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य का बयान सामने आया है। उन्होंने अधिकारियों से छात्रों की मांग सुनकर शीघ्र समाधान निकालने के लिए आदेशित किया है।

यह डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने
UPPSC PROTEST: केशव मौर्य ने मंगलवार को एक्स हैंडल पर पोस्ट किया कि- यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं। छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है। लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है।

छात्रों का समय आंदोलन में ना जाया जाए समय
केशव मौर्य ने आगे लिखा है कि सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें। यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे। न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि किसी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे।