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UPSC Result: सैकड़ों बच्चों को कलेक्टर बना चुके हैं ओझा सर, बिहार वाले आनंद की तरह फिल्मी है इनकी भी कहानी

Avadh Ojha Sir: आइए जानते हैं एक ऐसे टीचर की कहानी जिनके पढ़ाए हजारों बच्चे UPSC की परीक्षा को पास कर चुके हैं। हम बात कर रहे हैं इतिहास के टीचर अवध ओझा सर की। अवध ओझा बच्चों के बीच ओझा सर के नाम से फेमस हैं।

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UPSC Result Avadh Ojha sir has made hundreds of children collectors

Avadh Ojha Sir

Avadh Ojha Sir: हर साल UPSC सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे आते हैं और इसके साथ ही सामने आते है संघर्ष, लगन और प्रतिभा के नए किस्से। हर साल इस परीक्षा को टॉप करने वाले लोग और उनकी कहानियां सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा बन जाती हैं।

लेकिन एक नाम गुमनाम रह जाता है, उस शिक्षक का जिसने उस स्टूडेंट को काबिल बनाया। वो टीचर ही होते हैं जो कंधे से कंधा मिलाकर छात्रों के साथ मेहनत की होती है। UPSC यानी संघ लोक सेवा आयोग ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा-2022 के नतीजों की घोषणा की।

किसी ने सर्च किया इशिता के शिक्षक कौन है?
जिसमें ऑल इंडिया रैंक 1 लाने वाली इशिता किशोर हैं। जो पटना सिटी की रहने वालीं हैं। इशिता नोएडा में रहकर पढ़ाई कर रही थीं। इशिता के रिजल्ट आने के बाद लोग उनके जाति के बारे में खूब सर्च किए। लेकिन किसी ने भी यह नहीं सर्च किया कि इशिता के शिक्षक कौन है? इसलिए कहते हैं जब स्टूडेंट का नाम होता है तो शिक्षक का भी नाम फेमस होता होता है।

आइए जानते हैं एक ऐसे टीचर की कहानी जिनके पढ़ाए हजारों बच्चे UPSC की परीक्षा को पास कर चुके हैं। हम बात कर रहे हैं इतिहास के टीचर अवध ओझा सर की। अवध ओझा बच्चों के बीच ओझा सर के नाम से फेमस हैं। ओझा सर यूपी के गोंडा जिले के रहने वाले हैं।

जवानी के दिनों में वह मशहूर थे ओझा सर
सोशल मीडिया पर ओझा सर का वीडियो हमेशा वायरल होते रहता है।आज हम आपको अवध ओझा सर से जुड़ा एक रोचक किस्सा सुनाएंगे, जब उन्होंने अपनी जवानी के दिनों में तैश में आकर गोली चला दी थी। एक इंटरव्यू में ओझा सर ने बताया था, “जवानी के दिनों में वह मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र की पिक्चर ‘चरस’ देखने गए थे। जिस सिनेमा हॉल में वह पिक्चर देखने गए थे वह तब के मौजूदा सांसद सत्यदेव सिंह का था।”

यह भी पढ़ें: इशिता किशोर की जाति को लेकर सोशल मीडिया पर मचा बवाल, लोग पूछ रहे कौन जात हो?

इसके आगे ओझा सर ने बताया था, “वहां एक साहब थे, फिल्म के इंटरवल में उन्होंने मुझे तमाचा मार दिया। वह बोले- बस ऐसे ही बड़े रंगबाजी में घूमते हो, स्कूटर से चलते हो, फिर पहला शूट-आउट वहीं हुआ था। मतलब, आधे घंटे गोली चली थी। इस दौरान उनपर गोली नहीं चली थी, बल्कि उन्होंने खुद गोली चलाई थी। ओझा सर के अनुसार, इसको लेकर उनके खिलाफ नॉन-बेलेवल वॉरंट भी जारी हुआ था।”

ओझा सर की माताजी लॉयर थीं
इसी दौरान ओझा सर ने बताया,“फिर हम लोग वहां से फरार हो गए। धारा 307 लगी। एक महीने फरारी में रहे। माताजी लॉयर थीं, तो उन्होंने एक बढ़िया काम ये किया कि एक ही दिन में लोअर कोर्ट और सेशन कोर्ट में जमानत करा दी थी। हालांकि, इसके बाद ओझा सर ने बताया, “आश्रमों की आवाजाही और अध्ययन की तरफ उनका रुझान बढ़ा और इसके बाद उनका जीवन बदल गया।”