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देश के 7 राज्यों के 57 जिलो से होकर गुजरने वाली 2843 किमी लंबी डीएफसी रेल परियोजना चालू, होने लगे ये फ़ायदे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जानें वाले और देश की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना डीएफसी की 2843 किलोमीटर रेल लाइन चालू होने से देश में विकास की गति में क्रांतिकारी परिवर्तन की झलक दिखने लगी है।

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DFC MD Press Conference

DFC Progress Report: आज नई दिल्ली में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के कार्पोरेट कार्यालय में हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के आयोजन में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के प्रबंध निदेशक आर.के. जैन ने डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर रेल परियोजना से देश को होने वाले लाभ एवं उपलब्धियों और इस परियोजना से भविष्य में होने वाले क्रांतिकारी परिवर्तन के बारे में अवगत कराया।

इस वजह से डीएफसी की स्थापना हुई

रेल द्वारा माल ढुलाई सबसे कम लागत है और पर्यावरण अनुकूल विकल्प है। माल के विश्वसनीय सस्ते और तेज परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए ही डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर( डीएफसी) की स्थापना की गई।

यहां से होकर गुजरती हैं डीएफसी रेल लाइन

देश के 7 राज्यों की 57 जिलों से गुजरने वाली 2843 किलोमीटर लंबी यह डीएफसी रेल परियोजना है। जिसको दो महत्वपूर्ण कॉरिडोर में विभाजित किया गया है। जिसमें एक ईस्टर्न डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर दूसरा वेस्टर्न डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर है।

ईस्टर्न डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर पंजाब के लुधियाना से बिहार के सोननगर को जोड़ता है जिसकी दूरी 1337 किलोमीटर है, एवं वेस्टर्न डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर जो दादरी से मुंबई को जोड़ता है जिसकी दूरी 1506 किलोमीटर है। कुल मिलाकर इन दोनों डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर परियाेजना का लगभग 96.4% कार्य पूरा हो चुका है।

डीएफसी परियोजना चालू होने से देश को हो रहे हैं ये लाभ

डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना के चालू होने से मालगाड़ियों को डीएफसी ट्रैक पर स्थानांतरित कर दिया गया है। जिससे भारतीय रेल पर दबाव घटा है, और यात्री ट्रेनें समयबद्ध हो चुकी है। जिससे भीड़ को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा यात्री स्पेशल ट्रेन चलाने में भारतीय रेलवे को मदद मिल रही हैं।

देश में हो रहे हैं ये क्रांतिकारी परिवर्तन

वर्तमान में इस समय डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर पर औसतन 325 ट्रेनें प्रतिदिन चल रही है, एवं भारतीय रेलवे के साथ मिलाकर प्रतिदिन लगभग 650 ट्रेनों का आदान-प्रदान हो रहा है।डीएफसी की स्थापना के बाद से 2 लाख से अधिक ट्रेनें चलाई गई हैं।

विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा–डीएफसी

प्रबंध निदेशक आर.के. जैन ने कहा की उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आगामी वर्ष– 2025 में आयोजित होने वाले विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में आने वाले ज्यादातर लोग ट्रेनों के सहारे महाकुंभ में आवागमन करते हैं। इसलिए मालगाड़ियों को डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर ( डीएफसी) के ट्रैक पर चलने से भारतीय रेल श्रद्धालुओं के लिए अधिक से अधिक यात्री ट्रेनों को चलाने में कारगर साबित हो रहा है और भविष्य में भी कारगार साबित होगा।