
Pune Hospital
अंगदान एक महादान है। अक्सर ऐसी खबर सामने आती है कि किसी के अंग दान करने से कई जिंदगियों को बचाया गया। ऐसी ही एक खबर चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, महाराष्ट्र के पुणे में एक ब्रेनडेड लड़की के परिजनों के एक फैसले से सेना के दो जवानों सहित पांच लोगों को नई जिंदगी मिल गई है। एक दुर्घटना में युवती के सिर पर गंभीर रूप से चोट लग गई थी। जिसके बाद युवती के परिवार वाले उसे आनन-फानन में कमांड हॉस्पिटल दक्षिणी कमान में लेकर आए। यहां डॉक्टरों ने उसे ब्रेनडेड घोषित कर दिया। युवती के माता-पिता ने अंगदान करने का निर्णय लिया। लड़की की किडनी, लीवर और आंखें सेना के दो जवानों सहित पांच मरीजों को लगाई गईं, जिससे उनको नई जिंदगी मिल गई।
युवा लड़की भले ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया है, लेकिन जाते-जाते उसने 2 सैनिकों समेत 5 लोगों को नई जिंदगी दी है। अब उसकी दी किडनी के दम पर सेना के दो जवान न सिर्फ सामान्य जिंदगी जी पाएंगे, बल्कि सीमा पर जाकर देश की रक्षा में लग जाएंगे। ये पूरा मामला पुणे का है। यह भी पढ़ें: Mumbai: पुलिस ने यौन उत्पीड़न के आरोप में चिकित्सा अनुसंधान संस्थान से 6 लोगों के खिलाफ किया केस दर्ज, जानें पूरा मामला
बता दें कि रक्षा मंत्रालय के एक जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि एक नौजवान ब्रेनडेड लड़की द्वारा किए गए अंगदान ने पुणे में कमांड हॉस्पिटल दक्षिणी कमान (CHSC) में सेना के दो सेवारत जवानों सहित पांच लोगों को नई जिंदगी दी है। जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद लकड़ी को उसके जीवन के अंतिम चरण में अस्पताल लाया गया था। अस्पताल में भर्ती होने तक उसका ब्रेनडेड हो चुका था। उसके माता-पिता की इच्छा थी कि युवती के अंगों को उन रोगियों को दान कर दिया जाए, जिन्हें उनकी बहुत जरूरत है।
जनसंपर्क अधिकारी ने आगे कहा कि लड़की के माता-पिता की मंजूरी के बाद कमांड हॉस्पिटल (दक्षिणी कमान) में प्रत्यारोपण टीम को तुरंत एक्टिव कर दिया गया और अलर्ट को जोनल ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेशन सेंटर और आर्मी ऑर्गन रिट्रीवल एंड ट्रांसप्लांट अथॉरिटी को भी भेज दिया गया।
जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक, 14 जुलाई की रात और 15 जुलाई की सुबह किडनी जैसे व्यवहार्य अंगों को भारतीय सेना के दो जवानों में प्रत्यारोपित किया गया। आंखों को CHSC सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज परिसर के आई बैंक में संरक्षित किया गया और पुणे के रूबी हॉल क्लिनिक में एक मरीज को लीवर दिया गया। मरने के बाद अंगदान का एक उदार संकेत और कमांड हॉस्पिटल दक्षिणी कमान में एक शानदार प्रयास ने गंभीर रूप से बीमार पांच रोगियों को जीवन और दृष्टि प्रदान की है। यह इस विश्वास को मजबूत करता है कि मरने के बाद अपने अंगों को अपने साथ में मत ले जाओ। भगवान जानता है कि हमें यहां उनकी आवश्यकता है. यह ऐसी परिस्थितियों में जरूरतमंद रोगियों के लिए अंगदान की अमूल्य भूमिका के बारे में जागरूक करता है।
Updated on:
16 Jul 2022 03:53 pm
Published on:
16 Jul 2022 03:51 pm
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