तीन किसानों के एक साथ आत्महत्या करना बेहद दु:खद घटना है...
(पुणे): राज्य के मालेगांव तालुका में एक ही दिन में कर्ज तले डूबे तीन किसानों ने आत्महत्या कर ली, जो अलग-अलग गांव के थे। पहली घटना कांधाने गांव की है, जहां ज्ञानेश्वर शिवणकर (35) ने सुबह 9:30 बजे के करीब विषैला पदार्थ पीकर आत्महत्या कर ली। विषैला पदार्थ लेने के बाद किसान खेत में बेचने के लिए रखे प्याज के ढेर पर सो गया। दो-तीन साल से प्याज की खेती नहीं हो रही थी। इस साल कम वर्षा में जैसे-तैसे प्याज की खेती की, मगर दाम न मिलने से ज्ञानेश्वर परेशान था। भाव बढ़ने की आस में एक महीने से उनका प्याज खेत में ही पड़ा था, जो धीरे-धीरे सडऩे लगा। ऐसे में किसान ज्ञानेश्वर को चिंता हुई और निराश होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। उनके परिवार में पत्नी समेत दो लड़के, दो लड़की और मां-बाप हैं। उनके ऊपर 3 लाख रुपए का कर्ज था।
दूसरी घटना नांदगांव बुद्रुक की है, जहां चेतन बच्छाव (23) गले में फंदा लगा जान दे दी। चेतन अविवाहित था, उसके ऊपर स्थानीय विकास संस्था के 65 हजार और एक निजी वित्तीय संस्था के सवा पांच लाख रुपए उधारी थी। तीसरी घटना सायने गांव की है। यहां पर वसंत सोनवणे (45) ने आत्महत्या करने के लिए जहर पी लिया। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। उसके ऊपर स्थानीय विकास संस्था का डेढ़ लाख और घरकुल योजना के तहत लिया गया 1 लाख रुपए का कर्ज था। उनके परिवार में पत्नी और दो पुत्र हैं।