scriptपराली जलाने पर सीज होंगे प्रधान के वित्तीय अधिकार, पंचायत चुनाव लड़ने के लिए नहीं जारी होगा चरित्र प्रमाण पत्र | raebareli dm issue order over burning of parali | Patrika News

पराली जलाने पर सीज होंगे प्रधान के वित्तीय अधिकार, पंचायत चुनाव लड़ने के लिए नहीं जारी होगा चरित्र प्रमाण पत्र

locationरायबरेलीPublished: Dec 01, 2020 11:35:48 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण और गंदगी को देखते हुए डीएम रायबरेली ने बड़ा फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि अगर गांव में पराली जलाई जाती है तो इसकी जवाबदेही संबंधित प्रधान की होगी। उसके वित्तीय अधिकार जब्त किए जा सकते हैं।

पराली जलाने पर सीज होंगे प्रधान के वित्तीय अधिकार, पंचायत चुनाव लड़ने के लिए नहीं जारी होगा चरित्र प्रमाण पत्र

पराली जलाने पर सीज होंगे प्रधान के वित्तीय अधिकार, पंचायत चुनाव लड़ने के लिए नहीं जारी होगा चरित्र प्रमाण पत्र

रायबरेली. पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण और गंदगी को देखते हुए डीएम रायबरेली ने बड़ा फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि अगर गांव में पराली जलाई जाती है तो इसकी जवाबदेही संबंधित प्रधान की होगी। उसके वित्तीय अधिकार जब्त किए जा सकते हैं। डीएम ने कहा है कि अगर उनकी ग्राम पंचायत में पराली जली और प्रधान ने मामले को दबाने की कोशिश की तो उनके बस्ते जब्त कर दिए जाएंगे। डीएम के इस फरमान से प्रधानों में हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि इस आदेश से आगामी पंचायत चुनाव में प्रधानों की सहभागिता प्रभावित हो सकती है। इसके साथ ही उनके शस्त्र लाइसेंस भी रद्द किए जा सकते हैं।
डीपीआरओ उपेंद्र राज के अनुसार, डीएम वैभव श्रीवास्तव ने उन्हें पत्र लिखा जिसमें पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों के साथ-साथ प्रधानों की भी जिम्मेदारी तय किए जाने की शर्तों का जिक्र शामिल है। अगर कोई प्रधान पराली जलाने के तथ्य छुपाने की कोशिश करता है तो उसके वित्तीय अधिकार सीज करने के साथ अगर उसके पास शस्त्र है तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
सभी प्रधानों को अल्टीमेटम

डीएम वैभव श्रीवास्तव ने सभी प्रधानों को अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने प्रधानों और लेखपालों को निर्देश दिया कि किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करें। उन्हें पराली जलाने के नुकसान के बारे में बताएं। इसके साथ ही डीएम ने लेखपालों को निर्देश दिए कि वह किसानों को जागरूक करें कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है और मिट्टी की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। डीएम वैभव श्रीवास्तव ने कहा कि पराली जलाने के मामले में अगर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कहीं पर भी यह तथ्य सामने आए कि पराली जलाने में किसान और प्रधान शामिल है तो ऐसे में प्रधानों के वित्तीय अधिकार सीज कर दिए जाएंगे और पंचायत चुनाव लड़ने के लिए नो ड्यूज और चरित्र प्रमाण पत्र जारी नही किया जाएगा। अगर पूर्व में हैसियत प्रमाण पत्र जारी है तो उसे भी निरस्त कर दिया जाएगा।

ट्रेंडिंग वीडियो