
vgdg
रायबरेली. लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट जीतने के बाद यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र पहुंची। उनके साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी मौजूद रहीं। प्रियंका और सोनिया गांधी अपने तय समय से एक घंटे पहले ही रायबरेली पहुंची। कार्यकर्ताओं ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया। सोनिया गांधी ने यहां क्षेत्रीय नेताओं और कार्यकर्ताओं का जीत के लिए आभार व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एकमात्र रायबरेली सीट ही हासिल हुई। सोनिया गांधी यहां से लगातार पांचवी बार सांसद चुनी गई हैं। बता दें कि बहराइच से कांग्रेस उम्मीदवार सावित्रीबाई फूले भी रायबरेली पहुंची। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधकर कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हुई लोकतंत्र की हत्या हुई है।
हार की समीक्षा पर जोर
फुर्सतगंज एयरपोर्ट से होने के बाद सोनिया और प्रियंका सड़क मार्ग से रायबरेली पहुंची। उन्होंने यहां स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान सोनिया गांधीे जहां कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया, तो वहीं प्रियंका गांधी ने लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा की। बैठक में पूर्वी और पश्चिम उत्तर प्रदेश के जिलाध्यक्षों को बुलाया गया।
प्रियंका गांधी अलग-अलग सीटों से संबंधित नेताओं से बैठक कर हार की समीक्षा करेंगी। समीक्षा और कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद दोनों रात 9 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी। इसके पहले पार्टी की मजबूती के लिए प्रियंका ने यूपी के सभी सचिवों और नेताओं के साथ बैठक कर संगठन को नए सिरे तैयार करने की बात की। प्रियंका ने कहा कि अब यूपी में नए जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष बनाए जाएंगे। जिसके लिए अच्छे उम्मीदवारों की तलाश की जाएगी।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपी गई। कड़े प्रचार के बावजूद कांग्रेस उत्तर प्रदेश में मात्र एक सीट जीत सकी। यहां तक कि अब तक गांधी-नेहरू परिवार का गढ़ कही जाने वाली अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हाथ धोना पड़ा। अमेठी सहित अन्य जगहों पर कांग्रेस को सीट क्यों गंवानी पड़ी, इसकी वजह तलाशने के लिए समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया है।
कार्यकर्ताओं में गुस्सा
बैठक से पहले ही कांग्रेस के जिला और शहर अध्यक्षों में गुस्सा दिखा। उनका कहना है कि पूरे चुनाव में राहुल गांधी की प्रतिक्रिया शून्य रही। न वे प्रत्याशियों के बारे में अपनी राय देते थे और न ही चुनाव के दौरान तय की जाने वाली रणनीति का हिस्सा रहते थे।
Updated on:
12 Jun 2019 03:55 pm
Published on:
12 Jun 2019 02:07 pm
बड़ी खबरें
View Allरायबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
