
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए पंजीयन अनिवार्य ( Patrika File Photo )
Dhan Kharidi: धान उपार्जन केंद्रों के मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त प्राधिकृत शासकीय अधिकारी को जिम्मा से मुक्त कर दिया गया। इस बार शासन व प्रशासन धान खरीदी के पूर्व पूरी तैयारी करने का दावा करता हुआ नजर आ रहा था, लेकिन धान खरीदी शुरू होने के बाद शासन-प्रशासन अपने बनाए व्यवस्था को ही बदलने में लगा हुआ है।
धान उपार्जन केंद्रों में समिति के भरोसे करोड़ों रुपए का धान खरीदी किया जाता है इस दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसके लिए संबंधित क्षेत्र के एक-एक शासकीय अधिकारी को समिति के उपर ओआईसी के रूप में अर्थात प्राधिकृत अधिकारी के रूप में नियुक्त करती थी, लेकिन इस बार तो इन्हें मॉनिटरिंग के जिम्मा से उल्टे मुक्त कर दिया गया।
बताया जाता है कि पूर्व से पदस्थ प्राधिकृत अधिकारियों को उनके जिम्मा से मुक्त करने के बाद राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोगों को ओआईसी (प्राधिकृत अधिकारी) नियुक्त करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए शासन स्तर पर पूरी लिस्ट भी तैयार कर ली गई है।
राजनंदगांव, बिलासपुर व अन्य कई जिले में राजनीतिक पार्टी से जुड़े लोगों को ओआईसी नियुक्त कर दी गई है सोमवार को रायगढ़ जिले के लिए आदेश जारी होना था इसलिए यहां पूर्व से पदस्थ ओआईसी को मुक्त किया गया। हालांकि नई नियुक्ति को लेकर देर शाम तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है।
जिले के सेवा सहकारी समितियों से पिछले दिनों प्रबंधक, ऑपरेटर, लिपिक व फड़ प्रभारी सहित 27 लोगों को सेवा से पृथक किया गया। इसके बदले में नियमत: संचालक मंडल के माध्यम से भर्ती किया जाना था, लेकिन संचालक मंडल भंग होने की स्थिति में एसडीएम व अन्य अधिकारियों के माध्यम से नियुक्ति करा दिया गया। अब गलत तरीके से हुई नियुक्ति व कार्रवाई को लेकर समिति प्रबंधक कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
इस बार धान खरीदी शुरू होने के बाद सेवा सहकारी समितियों में अजीब कारनामा देखने को मिल रहा है। कभी नियम-कायदों को ताक पर रखकर प्रबंधक व कर्मचारियों की भर्ती कर दी जाती है तो कभी समितियों के मॉनिटरिंग के लिए नियुक्त प्राधिकृत अधिकारियों को हटा दिया जाता है।
सेवा सहकारी समितियों में जिस तरह से फेरबदल व अन्य कार्य नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में आने वाले समय में धान की आवक बढ़ने पर व्यवस्था बिगड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में यहां राजनीतिक पार्टी से जुड़े व्यक्ति के प्राधिकृत अधिकारी होने के कारण प्रशासन का भी नियंत्रण नहीं रहेगा।
उप पंजीयक सीएल जायसवाल ने कहा कि पूर्व में नियुक्त ओआईसी को कार्यमुक्त किया गया है, नए ओआईसी के लिए शासन के आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Updated on:
19 Nov 2024 03:00 pm
Published on:
19 Nov 2024 02:49 pm
बड़ी खबरें
View Allरायगढ़
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
