
Dhan Kharidi: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत 14 नवबर से की गई है। पहले दिन जिले में 1471 किसानों द्वारा 62362.80 क्विंटल धान की बिक्री की गई थी। शुक्रवार को गुरुनानक जयंती व शनिवार-रविवार को सरकारी छुट्टी होने की वजह से तीन दिनों तक धान की खरीदी नहीं हुई।
Dhan Kharidi: सोमवार से फिर से धान की खरीदी होनी है। शुक्रवार से भी सर्वर नहीं खुलने से ऑनलाइन टोकन किसानों को नहीं मिल रहा है। ऐसे में किसानों के आने वाले तिथियों के लिए टोकन नहीं मिलने से शुरुआती दौर में भी समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी लड़खड़ाने लगी है। किसान ऑनलाइन टोकन के लिए च्वॉइस सेंटरों से चक्कर लगाने मजबूर है।
पिछले साल या इससे पहले किसानों को मोबाइल व च्वॉइस सेंटरों से ऑनलाइन सिस्टम से और सीधे सहकारी समितियों से ऑफलाइन माध्यम से धान बेचने के लिए टोकन जारी होता था। राज्य सरकार द्वारा इस साल टोकन की प्रक्रिया ऑफलाइन माध्यम को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। किसानों को मोबाइल व च्वॉइस सेंटरों से ऑनलाइन ही टोकन जारी हो रहा है।
सरकार ने किसानों को आर्थिक संबल देने और उनकी उपज को उचित मूल्य दिलाने के लिए धान खरीदी केंद्रों की शुरुआत तो कर दी, लेकिन इन केंद्रों की बदइंतजामी ने किसानों की उमीदों पर पानी फेर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में स्थित उपार्जन केंद्रों पर अव्यवस्थाओं का बोलबाला है, जिससे किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
सबसे अधिक दिक्कत सर्वर में बार बार प्राब्लम आने से टोकन लेने में आ रही है। क्योकि किसानों को आफलाइन टोकन का सिस्टम बंद कर दिया गया है। सर्वर में दिक्कत की वजह से आनलाइन टोकन में परेशानी आने की शिकायत सामने आ रही है। जल्द ही दिक्कत दूर हो जाएगी। उच्च अधिकारियों को इससे अवगत कराएंगे।
14 नवबर से पहले जिन किसानों ने ऑनलाइन टोकन लेकर पहले दिन धान की बिक्री किए हैं। 14 नवबर से पहले ऑनलाइन पोर्टल 10 दिनों तक 24 नवबर तक के लिए खुला था। किसानों ने अपना टोकन ले लिया है। शुक्रवार 15 नवबर से सर्वर में प्रॉब्लम आने से सर्वर नहीं खुल रहा है। ऐसे में किसानों को 24 नवबर के बाद का टोकन नहीं मिला है।
सोमनी, ईरा, भर्रेगांव, ठेकवा, सांकरा व फरहद के किसानों ने बताया कि उनकी फसल की कटाई अभी जारी है और इसे पूरा करने में 15 दिन और लगेंगे. लेकिन टोकन न मिलने से वह अपनी फसल बेचने को लेकर चिंतित हैं। मैदानी क्षेत्र में सर्वर की वजह से टोकन नहीं मिल रहा है। वहीं वनाचंल क्षेत्र में तो किसानों की परेशानी काफी बढ़ गई है।
Published on:
18 Nov 2024 02:19 pm
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