18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कृषि विभाग नहीं कर पा रहा अन्य फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित

Raigarh News: जिले में वर्ष 2013-14 में 61 हजार किसानों ने 1 लाख 61 हजार हेक्टेयर का धान विक्रय के लिए पंजीयन कराया था।

2 min read
Google source verification
Agriculture Department is not able to encourage farmers for other crop

कृषि विभाग नहीं कर पा रहा अन्य फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित

रायगढ़। Chhattisgarh News: जिले में वर्ष 2013-14 में 61 हजार किसानों ने 1 लाख 61 हजार हेक्टेयर का धान विक्रय के लिए पंजीयन कराया था। 2017 -18 में यह आंकड़ा बढ़कर 2 लाख 13 हजार 81 हेक्टेयर पहुंच गया। 2021-21 में 1 लाख 66 हजार हेक्टेयर का पंजीयन हुआ और 2022-23 में 1 लाख 21 हजार हेक्टेयर का पंजीयन हुआ, लेकिन गिरदावरी रिपोर्ट में धान के फसल का आंकड़ा कम होता नहीं दिख रहा है। इस बार भी गिरदावरी रिपोर्ट में 1 लाख 63 हजार 996 हेक्टेयर में धान का फसल लगना बताया गया है।

इसमें सिंचित क्षेत्र में 2917 हेक्टेयर तो असिंचित क्षेत्र में 1 लाख 61 हजार 59 हेक्टेयर में धान का फसल लगना दिखाया गया है। जबकि कृषि विभाग के अधिकारी समय-समय पर किसानों को अन्य फसल के लिए प्रोत्साहित करने के नाम पर वाहवाही बटोरते हुए दिखते हैं, लेकिन आंकड़े तो कुछ और ही बयां कर रहा है। इसको लेकर सवाल भी उठ रहा है।

यह भी पढ़े: रायगढ़ एसडीएम को लेकर निर्वाचन आयोग व अन्य से शिकायत

इनके रकबे में भी नाम मात्र की बढ़ोत्तरी

इस वर्ष गिरदावरी रिपोर्ट में उड़द, मूंग, दलहन, तिलहन व अन्य फसलों के रकबे को लेकर जब जानकारों से चर्चा किया गया तो उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में इन फसलों के रकबे में कुछ खास परिवर्तन नहीं है। मौजूदा साल की तुलना में महज 5 से 10 फीसदी का ही अंतर होता है।

एक ही फसल से उर्वरा शक्ति होती है कम

कृषि वैज्ञानिकों की माने एक ही सफल को बार बार एक ही भूमि पर लगाने से उक्त भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। भूमि की उर्वरा शक्ति कम होने से फसल की पैदावार भी कम होती है। इसकी वजह से लगातार किसानों को यह प्रोत्साहित करना है कि एक ही भूमि में बार बार एक ही फसल को नहीं लगाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।

यह भी पढ़े: रामधुनी कार्यक्रम में मनमोहक प्रस्तुति देकर खूब बटोरी तालियां

कहां जाता है बीज

अन्य फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के नाम पर किसानों को नि:शुल्क बीज वितरण किया जाता है, लेकिन गिरदावरी के रकबे में यह देखने को नहीं मिलता। यदि नियमानुसार नि:शुल्क बीज किसानों को दिया जाता और किसान संबंधित बीज की फसल लगाते तो उक्त फसल का रकबा भी गिरदावरी रिपोर्ट में आता। ऐसे में यह भी सवाल उठ रहा है कि उक्त बीज कहां जाता है, यह लोगों के समझ से परे है।

गिरदावरी में दर्ज फसलों का रकबा

धान सिंचित - 2917.6837 हे.
धान असिंचित - 1,61,059.0385 हे.
उड़द - 7849.013 हे.
मूंग - 197.89 हे.

फसल प्रोत्साहन योजना के तहत किसानों को समय-समय पर प्रोत्साहित किया जाता है। कई किसानों ने धान के बजाए अन्य फसल से अपना आय बढ़ाया है। धान के फसल का रकबा भी कम हो रहा है। - अनिल वर्मा, उप संचालक कृषि

यह भी पढ़े: तालाब में अतिक्रमण कर बनाया जा रहा भवन, शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं