
Elephant Attack Raigarh: छाल रेंज के जंगल में डोरी बीनने गए ग्रामीण का हाथी से सामना हो गया, जिससे जब तक ग्रामीण खुद को बचा पाता तब तक हाथी ने उसे पकड़ कर पटक दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं जब अन्य ग्रामीणों ने देखा तो इसकी सूचना वन विभाग व पुलिस को दी। मामले की सूचना पर पुलिस ने पंचनामा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल व रायगढ़ वन मंडल में विगत कुछ दिनों से जंगली हाथियों का रहवास केंद्र बन गया है। कभी झूंड में तो कभी दल से अलग होकर इधर-उधर भटक रहे हैं। हालांकि वन विभाग की निगरानी दल भी लगातार इन पर नजर बनाए हुए हैं। इसके बाद भी हाथी रात होते ही गांव की तरफ कूच कर रहे हैं। शनिवार की सुबह छाल थाना क्षेत्र के ग्राम कुडे़केला निवासी राजू दास पिता बाबूलाल महंत (45 वर्ष) छाल रेंज के लाला डेरा जंगल के करीब 200 मीटर अंदर सुबह पांच बजे डोरी बीनने के लिए गया था।
इस दौरान उसने डोरी बिन ही रहा था कि अचानक उसका सामना एक दंतैल हाथी हो गया। ऐसे में उसने वहां से भागने का प्रयास कर रही था कि हाथी ने दौड़ाकर उसे पकड़ लिया और जमीन पर पटक-पटक कर उसे मौत के घाट उतार दिया। ऐसे में कुछ देर बाद जब अन्य ग्रामीण जंगल की ओर गए तो देखे कि राजूदास की मौत हो चुकी है तो उनके द्वारा घटना की जानकारी वन विभाग व छाल पुलिस को दी गई, जिससे मौके पर पहुंच कर पुलिस ने पंचनाम दर्ज कर शव को पीएम के लिए अस्पताल भेजा, जहां मृतक के परिजनेां का बयान दर्ज कर पीएम उपरांत शव को सौंप दिया है।
वहीं वन विभाग की निगरानी टीम हाथियों पर नजर बनाई हुई है, ताकि ये गांव की तरफ न आ सके। हालांकि बताया जा रहा है कि छाल रेंज में दो हाथी अलग-अलग क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं, जिससे लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार छाल रेंज में फिलहाल दो या तीन हाथी ही है जो अलग जगह में घुम रहे हैं। साथ ही इन दिनों डोरी व कटहल का समय है, जिसके चलते हाथी गांव के नजदीक पहुंच रहे हैं। हालांकि निगरानी दल द्वारा ड्रोन कैमरे से लगातार इन हाथियों पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है कि शाम होते ही घरों से बाहर न निकले साथ ही अभी कुछ दिनों के लिए जंगल की ओर न जाएं, क्याेंकि कटहल व डोरी की लालच में हाथी काफी नजदीक पहुंच रहे हैं।
विगत माह भर से धरमजयगढ़ वन मंडल में करीब 145 हाथी भ्रमण कर रहे थे, लेकिन अब धीरे-धीरे इनकी संया काफी कम हो गई है। बताया जा रहा है कि चार-छह दिन पहले ही हाथियों का झूंड कोरबा, सरगुजा व रायगढ़ वन मंडल की ओर आ गए हैं, जिससे वर्तमान में मात्र 39 हाथी धरमजयगढ़ वन मंडल में मौजूद हैं। जिससे विभाग की निगरानी टीम लगातार इन पर नजर रखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी कर रहे लोगों को जगरूक कर रहे हैं।
Published on:
14 Jul 2024 02:07 pm
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