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सफाई के लिए नहीं मिला बजट तो स्कूली बच्चों को झाडू़ तोडऩे पहाड़ पर चढ़ाया, पढि़ए खबर…

-बनखेता प्राथमिक शाला का मामला -एक एचएम व एक शिक्षक की पदस्थापना

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सफाई के लिए नहीं मिला बजट तो स्कूली बच्चों को झाडू़ तोडऩे पहाड़ पर चढ़ाया, पढि़ए खबर...

रायगढ़. सामान्य तौर पर अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजकर बेफिक्र हो जाते हैं कि वह पढ़ाई कर रहे होंगे, लेकिन जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर बनखेता प्राथमिक शाला में देखा गया कि बच्चे झाडू तोडऩे के लिए पहाड़ में चढ़े हुए हैं। जब इसको लेकर शिक्षकों से चर्चा की गई तो बताया गया कि सफाई के लिए बजट नहीं मिलता है जबकि देखा जाए तो सितंबर माह में पूरे राज्य में शाला अनुदान की राशि जारी होने की बात कही जा रही है। जिसमें सफाई व स्कूल के आवश्यक सामग्री के लिए भी राशि सम्मिलित रहता है।

टारपाली से लोईंग जाने के दौरान रास्ते में स्थित बनेखता प्राथमिक शाला में शाम करीब 3 बजे देखा गया कि आधा दर्जन से अधिक छात्र व छात्रा स्कूल से लगे पहाड़ में चढ़कर दूसरे छोर में झाडू तोड़ रहे हैं। जब इस दृश्य को कैमरे में कैद करना शुरू किया गया तो उनके साथ उपस्थित शिक्षक व सभी छात्र उसी पहाड़ के रास्ते से वापस स्कूल जाने लगे। जब तक घुमकर स्कूल तक पहुंचते तब तक शिक्षक व बच्चे पहुंच चुके थे।

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संबंधित महिला शिक्षक से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि स्कूल के झाडू के लिए काम किया जा रहा है। स्कूल में सफाई के लिए बजट इस बार नहीं आया है। इसलिए अपने से झाडू बनाकर सफाई कराया जाता है। कुल मिलाकर यहां देखा गया कि बच्चे झाडू तोड़कर लाते हैं और फिर इसका झाडू बनाकर स्कूल की साफ-सफाई में इसे लगाया जाता है।

पढ़ाई कराने की बजाए बनवा रहे थे झाडू
बनखेता स्कूल में शिक्षकों की जमकर मनमानी चल रही है। बच्चों को पहाड़ ऊपर झाडू तोडऩे के लिए भेजा गया था। वहीं उनके साथ कुछ शिक्षक भी पहाड़ पर चढ़े थे। वहीं काफी देर तक बच्चे धूप में झाडू तोडऩे के बाद नीचे उतरे तो शिक्षक क्लास रूम में नहीं थे। वहीं बच्चों के आने के बाद वे झाडू बनाने में जुट गए।

बच्चों की जान जोखिम में और पढ़ाई भी प्रभावित
पहाड़ के एक छोर से दूसरे छोर में बच्चे जा रहे हैं। इससे बच्चों की जान जोखिम में डाला जा रहा है। इस दौरान कोई अनहोनी हादसे होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस बात की जानकारी वहां के शिक्षकों को भी है, लेकिन कुछ रुपए के लिए वह बच्चों की जान जोखिम में डालने से नहीं चुके रहे। वहीं इस कार्य से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रहा है। जिसका असर पर परिणाम पर आएगा।

एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा स्कूल
इस स्कूल में एक एचएम व एक शिक्षक की पदस्थापना है। बताया जाता है कि बुधवार को एचएम जहां कार्यालयीन कार्य से बच्चों के फार्म जमा कराने के लिए जिला मुख्यालय आए हुए थे। वहीं यहां पर एक महिला शिक्षक उपस्थित थी जो कि कुछ बच्चों को लेकर पहाड़ की ओर थी और बाकी बच्चे स्कूल परिसर में खेल रहे थे।