
भगवानपुर स्थित सूखा पड़ा तालाब
रायगढ़. गर्मी का मौसम शुरू होते ही जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों के तालाब सूखने लगे हैं। कई प्रमुख तालाबों का तो पानी काफी कम हो गया है। ऐसे में आगे चलकर जल स्तर काफी नीचे जा सकता है। साथ ही कई मोहल्ले में लोग अभी भी तालाब में ही निस्तारी करते हैं, उनकी परेशानी पढ़ सकती है।
गर्मी के मौसम में तालाब निस्तारी के काम तो आते ही हैं। साथ ही शहर के भूजल स्तर को बनाए रखने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होता हैं। ऐसे में तालाबों की देख-रेख नहीं होने के कारण शहर के ज्यादातर तालाबों में पानी बहुत कम हो गया है तो वहीं कई तालाब पूरी तरह से सुख चुके हैं। शहर के प्रमुख तालाबों में बाघ तालाब, भुंजबधान तालाब, पूछापारा तालाब, फटहामुड़ा तालाब, कौहाकुंडा तालाब में पानी बहुत कम हो गया है। वहीं करीब आधा दर्जन तालाब अभी से पूरी तरह सुख चुके है। इसमें भगवानपुर तालाब, इंदिरानगर स्थित गंगाराम तालाब, ढिमरापुर तालाब सहित अन्य तालाब शामिल हैं। इन प्रमुख तालाबों में आसपास के वार्डों के लोग निस्तारी करते हैं। साथ ही गर्मी के दिनों में नलों में पानी कम आने से वार्डवासी तालाबों में ही नहाना-धोना करते हैं, लेकिन ये तालाब अभी से सुखने के कगार पर पहुंच गए हैं, जिससे आने वाले दिनों में पानी के लिए परेशानी बढ़ सकती है। वहीं बाघ तालाब और भूजबधान तालाब का एक हिस्सा पूरी तरह से सुख चुका है। निगम द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण शहर का जल स्तर और नीचे जा सकता है। साथ ही मौसम को देखकर यह कयास लगाया जा रहा है कि इस साल गर्मी काफी पड़ेगी, जिससे पानी के लिए भी समस्या हो सकती है। साथ ही शहर के कई ऐसे तालाब हैं जिसे सूख जाने के कारण बच्चे यहां क्रिकेट खेलना शुरू कर दिए हैं तो वहीं असमाजिक तत्वों का भी जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। साथ ही वार्डवासियों का कहना है कि गर्मी से पहले तालाबों मतें पानी भरा जाना चाहिए, ताकि शहर का जल स्तर बना रहे।
तालाबों के अस्तित्व पर मंडराने लगा संकट
शहर का कोई भी ऐसा तालाब नहीं है जिस की भूमि पर आसपास के लोगों ने अतिक्रमण नहीं किया है। अतिक्रमण के कारण तालाबों का दायरा सिमट कर काफी कम हो गया है। हालांकि पूर्व में नगर निगम द्वारा यह कहा गया था कि शहर के तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराई जाएगी, लेकिन कुछ का तो हुआ वहीं कुछ तालाब में अतिक्रमण अभी भी जारी है। यही कारण है कि तालाबों का दायरा कम हो जाने के कारण बरसात के दिनों में पर्याप्त पानी नहीं भर पाता है, जिससे गर्मी की शुरूआत होते ही सूखने के कगार पर पहुंच जा रहे हैं।
वर्कआर्डर के बाद भी काम नहीं हो सका शुरू
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शहर के बीच स्थित भुजबधान तालाब के सौदर्यीकरण के लिए निगम द्वारा वर्क आर्डर तो जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। इसी तरह मिट्ठुमुड़ा तालाब के लिए भी 50 लाख रुपए का वर्क आर्डर जारी हो चुका है, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण काम बंद पड़ा हुआ है। साथ ही फटहामुड़ा तालाब का भी सफाई कार्य होना था, लेकिन भी अभी तक कुछ काम नहीं हो सका है। ऐसे में दिनों-दिन तालाबों की स्थिति दयनीय होती जा रही है।
इंदिरानगर तालाब के लिए नहीं बना प्रस्ताव
इस संबंध में जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इंदिरानगर तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए बहुत पहले मांग उठी थी लेकिन अभी तक इस पर प्रस्ताव तैयार नहीं हो सका है। ऐसे में इस तालाब के रख-रखाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हालांकि देखा जाए तो इस तालाब के आसपास ज्यादातर गरीब तबके के लोग रहते हैं, ऐसे में अगर इस तालाब का सौंदर्यीकरण हो जाता तो लोगों के लिए यह बरदान साबित होता।
Published on:
12 Mar 2022 08:25 pm
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