
Corruption In Raigarh : कोल ब्लॉक प्रभावित गांवों में मुआवजे को लेकर भारी गड़बड़ी सामने आई है। छत्तीसगढ़ राज्य बिजली वितरण कंपनी (सीएसपीजीसीएल) व शासन को मुआवजे के नाम पर राजस्व कर्मचारियों के साथ मिलकर चपत लगाई है। इसके लिए गांव में शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण किया गया है। कच्चे मकानों को पक्का बताया गया है। अर्जित भूमि को दो फसली बताया गया है। इतना नहीं कुआं, पेड़ और नलकूप का भी मनमाना मुआवजा दे दिया गया है। इस मामले में शिकायत के बाद राज्य स्तरीय टीम मौके पर जांच करने के लिए ग्राम बजरमुड़ा पहुंची।
बजरमुडा में जहां मुआवजे को लेकर हुए भ्रष्टाचार की शिकायत दुर्गेश शर्मा ने की थी। शिकायत जांच करने अवर सचिव राजस्व ने तीन सदस्यीय टीम गठित की। टीम के अध्यक्ष भू अभिलेख के आयुक्त रमेश शर्मा, उपयुक्त नेहा भेडिय़ा, और राजस्व विभाग की संयुक्त सचिव हिना अनिमेष नेताम के अलावा रायपुर से 8 आरआई की टीम जांच के लिए बजरमुडा पहुंची। टीम ने अलग-अलग दलों में जांच शुरू की। देर शाम तक मामले की जांच चलती रही।
कई बिंदुओं पर मिली खामियां
इस मामले में जांच के दौरान टीम को कई खामियां मिली हैं। शिकायत के कई बिंदुओं को सही पाने की बात कही जा रही है। हालांकि टीम के सदस्यों ने इस कोई बात नहीं की और जांच चलने का हवाला दिया। बजरमुड़ा, ढोलनारा और करवाही में 149 हेक्टेयर जमीन में से 129 हेक्टेयर एक फसली जमीन को दो फसली बताकर ज्यादा मुआवजा निर्धारण करवाया गया। करीब 300 करोड़ रुपए का मुआवजा हड़पा गया।
क्या था शिकायत में
बजरमुड़ा में मुआवजा हासिल करने के लिए बड़ी साजिश की गई। अश्विन पिता लक्ष्मीप्रसाद, भोगकुंवर, हर्षित पिता लक्ष्मीप्रसाद, योगेश पिता लक्ष्मीप्रसाद, लक्ष्मीबाई, खीरमति आदि को जमीन, पेड़, नलकूप, कुआं, पचरी, मकान, टीन शेड, कॉम्पलेक्स आदि के नाम पर 55 करोड़ का मुआवजा मिला। इनकी एक फसली भूमि को गलत तरीके से दो फसली बताया गया। दो फसली भूमि में वृक्षों की गणना भी गलत तरीके से की गई है। ग्राम पंचायत में कॉम्पलेक्स का कोई औचित्य ही नहीं था। गलत मूल्यांकन कर 55 करोड़ का मुआवजा बनाया गया।
इसी तरह धनीराम, लोकनाथ पिता पुरुषोत्तम, रामलाल पिता लोकनाथ आदि को प्रायोजन और परिसंपत्तियों के नाम पर मुआवजा राशि दी गई है। करीब 8 करोड़ रुपए मुआवजा में 1.93 करोड़ तो पेड़ों के एवज में मिले हैं। ढाई हेक्टेयर भूमि के लिए 2.10 करोड़ रुपए मिले हैं। जो जमीन दो फसली हो, उस पर इतने पेड़ कैसे हो सकते हैं। गोबर गैस की मद में भी 2.09 करोड़ दिए गए हैं जो सत्यता से परे है।
हां, टीम ने गांव पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। अलग-अलग टीम बनाई गई है।
- रमेश शर्मा, आयुक्त भू अभिलेख
Published on:
08 Dec 2023 08:36 am
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