
रायगढ़. लैलंूगा थाना क्षेत्र की एक १६ वर्षीय नाबालिग को नौकरी का झांसा देकर मानव तस्कर दिल्ली ले गया। उसके बाद उसे प्लेसमेंट एजेंसी के हाथों बेच फरार हो गया। करीब दो माह तक बगैर पैसे व एक टाइम भोजन के साथ जब दिन काटने पड़े तो किशोरी जैसे-तैसे भाग कर दिल्ली पुलिस के पास पहुंंची। जहां महिला बाल विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ शासन से संपर्क कर उक्त बच्ची को उसके घर भेजने की पहल की।
वृद्ध माता-पिता को देख किशोरी फूट फूट कर रोने लगी। शुक्रवार की देर रात किशोरी को गोंडवाना एक्सप्रेस से रायगढ़ लाया गया। जहां सोमवार को उसे बाल कल्याण समिति में पेश कर काउंसलिग के बाद आरोपी मानव तस्कर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की पहल होगी।
महिला बाल विकास विभाग व पुलिस द्वारा लाख जागरूकता की पहल करने के बाद भी मानव तस्करी के मामलों पर अंकुश नहीं लग पाया है। नया मामला लैलूंगा थाना क्षेत्र का है। जहां फरवरी २०१८ को एक १६ वर्ष की किशोरी को पड़ोसी गांव युवक बेहतर नौकरी का झांसा देकर दिल्ली ले गया। उसके बाद बड़ी ही चालाकी से उसे दिल्ली के ही एक प्लेसमेंट एजेंसी के हाथों बेच कर नौ-दो ग्यारह हो गया।
प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से किशोरी को एक आलिशान घर में झाडू-पोछा के साथ घरेलू कार्य की जिम्मेदारी मिली। किशोरी की माने तो जब से वो उस घर में गई थी। उसे सिर्फ एक बार दोपहर में खाना खाने को दिया जाता था, वो भी आधा-अधूरा। देखते ही देखते करीब एक माह बीत गया। पर मजदूरी के नाम पर उसे हाथ पर एक फूटी कौड़ी घर मालिक ने नहीं रखी। जब उसने पैसें की मांग की तो उसने कहा कि तुम्हारा पैसा प्लेसमेंट एजेंसी को दे दिया गया है।
करीब दो माह समय बीतने के दौरान एक दिन किशोरी, घर मालिक को धोखा देकर दिल्ली पुलिस के एक थाने में पहुंच कर अपनी आपबीती बताई। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उक्त किशोरी को छत्तीसगढ़ के आवासीय आयुक्त से संपर्क का छत्तीसगढ़ भवन में शिफ्ट किया। वहीं इसकी जानकारी दिल्ली महिला बाल विकास विभाग को जानकारी दी।
छत्तीसगढ़ की किशोरी के मानव तस्करी के शिकार होने की खबर महिला बाल विकास मंत्रालय पहुंचते देर ना लगी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की विभागीय सचिव डा. एम गीता से संपर्क कर किशोरी के बारे में पूरी जानकारी दी। जिसके बाद दिल्ली, रायपुर व रायगढ़ की संयुक्त टीम ने किशोरी को रायगढ़ लाने की पहल की।
अभी भी वहां सिसक रही हैं कई लड़कियां
किशोरी के बयान मेंं यह बात सामने आई है कि आरोपी युवक ने उसे दिल्ली के जिस प्लेसमेंट एजेंसी में बेचा था। वहीं २५-३० लड़कियां और थी। जिसेे देश के विभिन्न राज्यों से नौकरी का झांसा देकर लाया गया था। उक्त लड़कियां, अपने घर से दूर होने व खुद के साथ किसी अनहोनी के भय के बीच सिसक-सिसक कर अपना जीवन यापन कर रही है।
कर्ज लेकर दिल्ली गए
मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने सबसे पहले उसके परिजनों को फोन पर संपर्क कर बेटी को ले जाने की बात कही। लापता बेटी के दिल्ली में होने की खबर सुन कर उसके माता-पिता, गांव के एक व्यक्ति से एक हजार रुपए कर्ज लेकर दिल्ली गए। पर उसे प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा गुमराह कर दिया गया। जिससे किशोरी के माता-पिता भी कुछ दिनों तक दिल्ली मेंं भूखे पेट रहे।
रात 2 बजे ही करवाया गया घर का सत्यापन
विभागीय सचिव डा. एम गीता ने रायगढ़ की टीम को उसके लैलंूगा स्थित घर का सत्यापन करने का आदेश दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए उसके घर सत्यापन की औपचारिकता को देर रात करीब २ बजे तक पूरी की गई। वहीं देर रात ३ बजे उसकी रिपोर्ट रायपुर व दिल्ली भेजी गई। उसके बाद किशोरी को गोंडवाना एक्सप्रेस से रायगढ़ लाया गया। सोमवार को किशोरी को सीडब्ल्यूसी में पेश करने की पहल की जाएगी।
-लैलंूगा थाना क्षेत्र की एक किशोरी को दिल्ली में बेचा गया था। उसे दिल्ली, रायपुर, रायगढ़ की टीम की संयुक्त टीम ने रेस्क्यू कर सुरक्षित रायगढ़ ले आई है। सोमवार को किशोरी को बाल कल्याण समिति में पेश किया जाएगा। वहीं आरोपी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने पुलिस के अधिकारी से पत्राचार किया जाएगा।
दीपक डनसेना, बाल सरंक्षण अधिकारी, रायगढ़
Published on:
14 May 2018 01:11 pm
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