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नजूल भूमि से कब्जा हटाने के बजाय समझौता में जुटा प्रशासन

0 निर्माण के समय नहीं लगाया रोक0 अब मकान बनने का दे रहा हवाला

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raigarh

नजूल भूमि से कब्जा हटाने के बजाय समझौता में जुटा प्रशासन

रायगढ़. बोंदाटिकरा में आंगनबाड़ी भवन के लिए प्रस्तावित भूमि पर महिनों से हो रहे अवैध कब्जा को लेकर जहां लोगों में आक्रोश पनप रहा है तो वहीं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इसे तोडऩे के बजाए और बढ़ावा दिया जा रहा है। अब तो स्थिति यह बन रही है कि खुद अधिकारी ही समझौता कराने में जुटे हुए हैं, जिसे लेकर लोगों में आक्रोश पनपने लगा है।
गौरतलब हो कि पुसौर ब्लाक के ग्राम पंचायत गढ़उमरिया के आश्रित ग्राम बोंदाटिकरा में आंगनबाड़ी भवन बनाने के लिए लंबे समय से नजूल भूमि छोड़ा गया था, जिसे गढउमरिया निवासी कल्पना पति अनिल तिवारी द्वारा अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया, इस दौरान स्थानीय लोगों द्वारा विरोध करने के बाद भी यहां निर्माण कार्य जारी रहा, जिससे इसकी सूचना पुसौर तहसीलदार को दिया गया, जिसके बाद भी काम पर रोक नहीं लगाया गया, ऐसे में ग्रामीण रोक लगाने के लिए इधर-उधर अधिकारियों के चक्कर काटते रहे और उधर निर्माण कार्य जारी रहा। ऐसे में उक्त नजूल भूमि पर कुछ कमरे भी बन कर तैयार हो गए। साथ ही कब्जाधारी द्वारा बाउंड़ीवाल भी बना दिया गया। ऐसे में स्थानीय सरपंच व अन्य ग्रामीणों द्वारा इसकी विगत लंबे समय से जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इस मामले में कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है। जिसके चलते अब तो स्थिति यह हो गई है कि आंगनबाड़ी की जगह मकान बनकर तैयार हो गया है। जिसके चलते स्थानीय मासुम बच्चों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। साथ ही कार्यकर्ता तो परेशान हो रही रहे हैं, वहीं बच्चों के पालकोंं को भी परेशान होना पड़ रहा है। वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि अब प्रशासन कब्जा हटाने के बजाए समझौता में जुटा हुआ है, जिसके चलते लोगों में आक्रोश पनप रहा है।
समझौता में जुटा प्रशासन
गौरतलब हो कि उक्त आंगनबाड़ी की जमीन की मौका जांच के लिए पहुंचे अधिकारियों ने जगह खाली कराने के बजाय ग्रामीणों के साथ बैठक कर समझौता कराने का प्रयास किया जा रहा था, जिसे लेकर लोगों में काफी आक्रोश दिख रहा है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि कब्जाधारी द्वारा उक्त भूमि में कमरा तैयार कर ली है, साथ ही जो जगह बचा है उस पर बाउंड़ीवाल तैयार कर ली है। इसके बाद भी प्रशासनिक अधिकारी इसे खाली कराने के बजाय बढ़ावा दे रहे हैं।
हो सकता है उग्र आंदोलन
इस संंबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन के अधिकारी बार-बार पुनरीक्षण का हवाल देकर मामले को टाल रहे हैं, वहीं सोमवार को पहुंचे अधिकारी ने मामले की जांच कर ग्रामीणों से यह समझौता कराना चाह रहे कि जो जगह बचा हुआ है उसी में आंगनबाड़ी का भवन तैयार किया जाए, ऐसे में अगर उतनी जगह में भवन तैयार होता है तो बच्चों को न तो खेलने की जगह मिलेगी और नही सभी बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ाई कर पाएंगे। जिसको लेकर ग्रामीणों में अक्रोश पनप रहा है, वहीं ग्रामीणों का कहना है कि अगर उक्त जगह को खाली नहीं कराया जाता तो उग्र आंदेालन भी कर सकते हैं।
वर्जन
मौका निरीक्षण के लिए वहां पहुंचा था, संबंधित को तय तिथि में कब्जा खाली करने नोटिस दिया जाएगा।
एन. किशोर सिन्हा, तहसीलदार पुसौर
वर्जन
आपके माध्यम से जानकारी मिली है, मामले की जांच कराई जाएगी, जांच के रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।
गगन शर्मा, एसडीएम