
अब तक सिर्फ फ्लाइएश डंप मिट्टी की एक परत नहीं
रायगढ़। फ्लाइएश को लेकर एनजीटी की फटकार के बाद भी पर्यावरण विभाग नहीं जागा। पर्यावरण विभाग की टीम अवैध डंपिंग तो रोक नहीं पा रही है चिन्हांकित खदानों में भी नियम कायदों को ताक पर रखकर डंप किया जा रहा है।
विदित हो कि कुछ समय पूर्व ही एनजीटी की संयुक्त टीम ने जिले में फ्लाइएश की समस्या को लेकर जांच की थी जिसमें करीब ३० लाख एमटी फ्लाइएश अवैध डंप किया जाना पाया था। इसी रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि गुड़ेली-टिमरलगा में ऐसे खदान जहां खनन का काम पूर्ण हो चुका है ऐसे ३ खदानों को प्लाइएश से भरने के लिए चिन्हांकित किया गया है जहां करीब ४५ लाख एमटी फ्लाइएश डंप किया गया है, लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि मौके पर देखा जाए तो आज भी उक्त खदानों में सिर्फ फ्लाइएश डंप किया हुआ मिलेगा। जबकि पर्यावरण विभाग का नियम कहता है कि फ्लाइएश का एक लेयर बिछने के बाद उसके उपर मिट्टी का लेयर डालना है ताकि फ्लाइएश उड़े न। इसके अलावा उक्त भूमि का उपयोग खेती व अन्य कार्यो में उपयोग में लिया जा सके। लेकिन इस नियम का तो पालन ही नहीं किया जा रहा है।
आखिर कैसे हो रहा मॉनिटरींग
चिन्हांकित खदानों में ट्रंासपोर्टर उद्योग से फ्लाइएश लाकर डंप कर रहे हैं लेकिन मौके पर देखने वाला कोई नहीं है। इतना ही नहीं पर्यावरण विभाग के अधिकारियों को अभी तक झांकने की फुर्सत नहीं मिली है जिसके कारण अब तक इस स्थिति को देखने के लिए कोई नहीं पहुंचा है।
अवैध डंपिंग भी है जारी
सड़कों के किनारे पूर्व में किए गए अवैध डंप में आज तक मिट्टी नहीं डाले गए, ग्रामीणों की माने तो ट्रंासपोर्टर आज भी अवैध डपिंग कर रहे हैं। एनएच व स्टेट हाइवे के किनारे व खेतों में कहीं भी रात के अंधेरे में डंप कर दिया जा रहा है।
Published on:
10 Oct 2022 08:18 pm
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