
जिला स्तर पर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाले मौत के संबंध में राजधानी में यातायात प्रभारियों की ली गई समीक्षा बैठक
रायगढ़. जिला स्तर पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं(Road accidents) में बढ़ते मौत के ग्राफ को देखते हुए बीते दिनों पुलिस मुख्यालय में सभी यातायात प्रभारियों की समीक्षा बैठक आहुत की गई थी। जहां सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई अहम निर्देश दिए गए हैं। वहीं जल्द से जल्द उक्त निर्देशों का पालन करने का आदेश भी दिया गया है। ऐसे में रायगढ़ जिले की पुलिस को चुस्त होने की दरकार है। जिस प्रकार से जिले में तेजी से दुर्घटनाएं हो रही हैं उसे रोकने के लिए पुलिस को विशेष अभियान चलाना होगा। ताकि आने वाले समय में सड़क दुर्घटना के आंकड़ों में कमी आ सके। इसी क्रम में गुरुवार को ट्रैफिक डीएसपी ने भी ट्रैफिक थाने में अपने समस्त थाना प्रभारियों और स्टाफ के साथ मीटिंग का आयोजन किया। जहां सभी को पुलिस मुख्यालय से मिले निर्देश के बारे में बताते हुए उस पर अमल करने का निर्देश दिया गया। ज्ञात हो कि पुलिस के लाख कोशिश के बाद भी लोग सुधरने को तैयार नहीं है। शराब पीकर वाहन न चलाने, ओवर स्पीड में वाहन न चलाने व दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट का उपयोग करने की समझाइश पुलिस लंबे समय से लोगों को दे रही है। इसके बाद भी लोग उसे अपनी दिनचर्या में शामिल नहीं कर रहे हैं। इससे दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। इन्हीं सभी चीजों को लोगों को अपने जीवन में शामिल कराने की जिम्मेदारी जिले की पुलिस को मिला है। ऐसे में पुलिस को लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
कितने बसों की जांच हुई इसका मांगा जवाब
पीएचक्यू द्वारा जिले की पुलिस को जिले के शैक्षणिक संस्थानों में संचालित स्कूली वाहनों के संबंध में जानकारी मांगी गई है। साथ ही अब तक कितने वाहनों की जांच की गई, क्या-क्या खामियां मिली, कितने वाहनों के ऊपर कार्रवाई की गई इन सब की जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही गई है। इसके अलावा स्कूली बसों में स्पीड गवर्नर एवं सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही स्कूली बसों का समय-समय पर सरप्राइज चेकिंग किए जाने तथा बसों में क्षमता से अधिक बच्चे पाए जाने पर संबंधित चालक एवं स्कूल प्रबंधन के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है।
नाबालिग चालकों को करें बैन
पीएचक्यू से आए निर्देश में नाबालिग वाहन चालकों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने को कहा गया है। इसके लिए यातायात पुलिस को स्कूलों में जा-जाकर स्कूल के प्राचार्य व उनके अभिभावकों को समझाइश देने की बात कही गई है। इसके बाद भी नाबालिग वाहन चलाते पाए जाते हैं तो उन पर कार्रवाई करने का भी प्रावधान है।
यात्री बसों पर चलाया जाए अभियान
जिस तरह से यात्री बसों में क्षमता से अधिक सवारी भर कर एवं बस के दरवाजे खोल कर वाहन का परिचालन किया जाता है। इससे गंभीर सड़क दुर्घटना की संभावना अधिक होती है। ऐसे में यातायात पुलिस को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि विशेष अभियान चलाकर ऐसे बस चालकों पर कार्रवाई की जाए।
कम का रसीद दिया तो होगी कार्रवाई
पीएचक्यू से आए निर्देश में इस बात का भी उल्लेख है कि मुख्यालय को लगातार शिकायत मिल रही है और आरोप भी लगाया जा रहा है कि चालानी कार्रवाई के दौरान जो रसीद दिया जा रहा है वह कम का दिया जा रहा है। जबकि पैसा उससे ज्यादा का लिया जा रहा है। ऐसे में ट्रैफिक डीएसपी द्वारा समस्त थाना प्रभारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया जाए। वहीं ऐसा होने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ ऐक्शन लिया जाए।
पीएचक्यू से आए निर्देश कुछ इस प्रकार से हैं
- स्कूली बच्चों को सुरक्षित यातायात के संबंध में अधिक से अधिक जानकारी दी जाए। वहीं उन्हें यातयात निर्देशिका का वितरण किया जाए। साथ ही समय-समय पर प्रतियोगिता आयोजित कर बच्चों को पुरस्कृत किया जाए।
- अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में घटित हो रही है। अत: ग्रामीण क्षेत्र में मोटरयान अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए।
- मोटरयान अधिनियम के तहत विधिवत कार्रवाई की जाए, जिसमें किसी प्रकार का संकोच कतई न करें।
- सामाजिक, धार्मिक, शादी कार्यक्रम से लौटते समय वाहन चालकों एवं सहमित्रों द्वारा शराब सेवन किया जाता है, ऐसे वाहन चालकों पर सतत निगरानी रखी जाए और ब्रिद एनालाइजर से चेकिंग कर कार्रवाई की जाए।
- परिवहन कार्यालय के पदाधिकारियों से संपर्क कर लायसेंस आवंटन की प्रक्रिया की जांच कर यह सुनिश्चित करें कि लायसेंस गलत तरीके से या एजेंटों के माध्यम से तो प्राप्त नहीं की जा रही है।
- जिले में ड्रायविंग लायसेंस स्कूल खोलने के लिए विधिवत प्रयास किया जाए, जिससे गलत तरीके से लायसेंस प्राप्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाया जा सके।
- अपातकालीन स्थिति निर्मित होने पर यातायात में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी द्वारा सहयोगात्मक कार्रवाई की जाए।
- सड़क दुर्घटना संबंधी जानकारी हर माह के पांच तारीख तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए। इसके बाद इस संबंध में सभी अनुविभागीय अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाए।
- अत्यधिक सड़क दुर्घटनाएं बाइक से घटित होती है, ऐसे मे आमजन को जागरुक करने के लिए बैनर एवं पॉम्प्लेट छपवा कर वितरण कर प्रचार-प्रसार किया जाए।
- यातायात आधुनिकीकरण के तहत इकाई को प्राप्त यातायात उपकरणों का भौतिक सत्यापन किया जाए।
Published on:
12 Jul 2019 06:59 pm
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