11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मातृ-शिशु केयर भवन बनकर हुआ तैयार

स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रसूताओं की बेहतर देखभाल के लिए मातृ-शिशु केयर यूनिट के लिए भवन तैयार किया गया है, जिसे सीजीएमएससी द्वारा दो दिन पहले ही हैंडओवर किया गया है, जिसे शुरू करने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी की जा रही है।

2 min read
Google source verification
raigarh

मातृ-शिशु केयर भवन बनकर हुआ तैयार

रायगढ़. स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रसूताओं की बेहतर देखभाल के लिए मातृ-शिशु केयर यूनिट के लिए भवन तैयार किया गया है, जिसे सीजीएमएससी द्वारा दो दिन पहले ही हैंडओवर किया गया है, जिसे शुरू करने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि जिले में बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए पूर्व में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मदर एण्ड चाइल्ड १०० बेड का अस्पताल शुरू किया गया था। ताकि यहां गर्भवती महिलाएं व बच्चों को बेहतर उपचार हो सके, लेकिन दिनों-दिन बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए अब यह १०० बेड का अस्पताल भी छोटा पडऩे लगा है। जिससे मरीजों की उपचार व देख-भाल में दिक्कतें होने लगी थी। ऐसे में अब एमसीएच के बाजू में करीब ३० बेड का एक नया मातृ-शिशु केयर सेंटर शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए करीब एक साल पहले ही शासन से राशि जारी हो गई थी, जिसे सीजीएमएससी द्वारा निर्माण किया जा रहा था। ऐसे में अब यह भवन बन कर गया तैयार हो गया है। जिससे सीजीएमएससी द्वारा दो दिन पहले ही सीएचएमओ को हैंडओवर किया गया है। ऐसे में अब अस्पताल को चालू करने के लिए स्टाफ की जरूरत पड़ेगी, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी की जा रही है। वहीं बताया जा रहा है कि बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए बहुत जल्द इसे शुरू किया जाएगा, ताकि मरीजों को बेहतर देखभाल के साथ उपचार हो सकेगा।
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों कि मानें तो एमसीएच में हर दिन दर्जनभरसे अधिक गर्भवती महिलाएं पहुंचती है, जिससे यहां डिलिवरी होने के बाद नए मरीज आने के बाद दिक्कत होता है। ऐसे में अब यहां डिलिवरी होने के बाद स्थिति में सुधार होते ही प्रसुता व शिशुओं को मातृ-शिशु केयर में शिफ्ट किया जाएगा, ताकि एमसीएच में बेड खाली होने पर नए मरीजों को भर्ती कर उपचार हो सके।
मरीज व परिजन होते थे परेशान
जिले में बढ़ रहे मरीजों की संख्या के हिसाब से अब १०० बेड के एमसीएच अस्पताल में भ्ज्ञी जगह कम पडऩे लगा है। जिससे यहां भर्ती होने वाले गर्भवती माताओं को डिलिवरी के बाद तीन या पांच दिन में डिस्चार्ज कर दिया जाता था, जिससे घर जाने के बाद समस्या आने पर उनको फिर से आना पड़ता था ऐसे में अब मरीजों को देख-भाल केंद्र में तब तक रखा जाएगा, जब तक मां व बच्चा दोनों पूरी तरह से स्वस्थ न हो जाए। इसके बाद ही उन्हें छुट्टी दी जाएगी। ऐसे में अब मरीज व परिजनों को काफी राहत मिलेगी।