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National Ramayan Mahotsav: CM बघेल ने किया रामायण का शुभारंभ, हनुमान-मकरध्वज युद्ध प्रसंग पर खूब बजीं तालियां

National Ramayan Mahotsav : पहले दिन कंबोडिया की रामायण मंडली की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया।

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पहले दिन कंबोडिया की रामायण मंडली की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया।

National Ramayan Mahotsav : यहां के रामलीला मैदान में तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय रामायण महोत्सव की रंगारंग शुरुआत हुई। पहले दिन कंबोडिया की रामायण मंडली की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। इसमें कंबोडिया की टीम ने राम व लक्ष्मण पर नागपाश कर प्रयोग कर मूर्छित करने व हनुमान-मकरध्वज युद्ध का प्रसंग प्रस्तुत किया। (CG Ramayan Update) प्रदेश सरकार द्वारा रायगढ़ में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव कराया जा रहा है। इसमें कंबोडिया व इंडोनेशिया की टीम भी पहुंची है।

National Ramayan Mahotsav : ऐसे में अब यह अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव हो चुका है। पहले दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम की शुरुआत की। दीप प्रज्जवलन के बाद कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय गीत व दिलीप षड़ंगी व उनकी टीम के द्वारा सामूहिक हनुमान चालीसा के पाठ के साथ हुई। (CG News Update) इसके बाद रामायण महोत्सव की पहली प्रस्तुति साढ़े चार हजार किमी दूर से आए कंबोडिया की टीम ने दी। 12 सदस्यीय यह टीम ने रामायण में रावण के भाई अहिरावण द्वारा राम व लक्ष्मण को मूर्छित कर पाताल ले जाने का प्रसंग प्रस्तुत किया।

National Ramayan Mahotsav : इस प्रस्तुति की कड़ी में शामिल राम व लक्ष्मण को सकुशल वापस लाने के लिए हनुमान पाताल जाते हैं जहां उनका सामना मकरध्वज से होता है। कंबोडिया की रामायण मंडली इस बात से भलीभांति परिचित थी कि मकरध्वज हनुमान के पुत्र हैं। (National ramayan mahotsav) इसलिए दोनों में कोई अंतर नहीं था। दोनों की वेषभूषा एक सामान थी। दोनों के बीच हुए युद्ध के बाद हनुमान राम व लक्ष्मण को वापस लाते हैं।

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वाद्ययंत्र का खास प्रयोग

कंबोडिया के कलाकार रामायण प्रसंग में वाद्ययंत्रों पर भी अच्छी पकड़ रही। इस प्रस्तुति को दर्शकदीर्घा में बैठे दर्शकों ने खूब सराहा। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद दर्शकों ने विदेशी कलाकारों का उत्साह वर्धन तालियों की गड़गड़ाहट से किया।

सीएम बघेल : श्रीराम के चरित्र में छत्तीसगढ़ का भी अंश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि भगवान श्री राम ने अपने वनवास के 10 साल छत्तीसगढ़ में गुजारे। भगवान श्री राम ने वनवास के दौरान कितनी कठिनाई झेली पर अपनी मर्यादा नहीं खोई। भगवान राम जब वन गए तो मर्यादा पुरूषोत्तम बन गए। (raigarh breaking news) उनके इस चरित्र निर्माण में छत्तीसगढ़ का भी अंश है। उन्होंने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ माता कौशल्या और शबरी माता का प्रदेश है। यहां सदियों से निवास कर रहे आदिवासियों, वनवासियों का प्रदेश है।

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भगवान राम का राजतिलक होना था, लेकिन वे वनवास गए, निषादराज से मिले, शबरी से मिले, ऋषि मुनियों से मिले।(cg breaking news) हमारा रिश्ता वनवासी राम के साथ ही कौशल्या के राम से भी है, इसलिए वे हमारे भांजे हैं। इसलिए हम छत्तीसगढ़वासी भांजे के पैर छूते हैं।