डंके की चोट पर स्टॉल संचालक करा रहे है फेरी, आरपीएफ मौन
रायगढ़ रेलवे स्टेशन पर पाबंदी के बावजूद भी अवैध वेंडर द्वारा फेरी की जा
रही है। खास बात तो यह है कि स्टॉल संचालक के इस मनमाने रवैये पर जिम्मेदार
आरपीएफ भी मौन है।
रायगढ़ रेलवे स्टेशन पर पाबंदी के बावजूद भी अवैध वेंडर द्वारा फेरी की जा रही है। खास बात तो यह है कि स्टॉल संचालक के इस मनमाने रवैये पर जिम्मेदार आरपीएफ भी मौन है।
जिससे कई तरह के सवाल भी उठ रहे है। वहीं रेल नियमों की धज्जियां उठाते हुए यात्रियों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। जिसपर रेल अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हुए हैं।
यंू तो कहने को रेलवे स्टेशन के अंदर फेरी प्रथा को बंद कर दिया गया है। पर यह पाबंदी सिर्फ फाइलों तक ही सीमित है।
इसका उदाहरण आपको देखना है तो आप रायगढ़ रेलवे स्टेशन में आकर कभी भी देख सकते हैं। एक्सप्रेस हो या पैसेंजर, ट्रेन के एनाउंसमेंट होने के साथ ही अवैध वेंडरों का जमावड़ा, प्लेटफार्म के कुछ स्टॉल के बाहर लगने लगता है।
जो खान-पान सामान की खेप लेकर ट्रेन के जनरल व स्लीपर कोच की ओर बढऩे लगता है। यह सिलसिला सुबह होने के साथ ही शुरू हो जाता है।
जो देर रात तक चलता है। पर इसपर रेल अधिकारी के साथ ही आरपीएफ की नजर नहीं जाती है। अगर जाती भी है तो वो फेरी करने वाले अवैध वेंडर को रोक-टोक नहीं करते है। जिसकी वजह से वो बेहिचक, प्लेटफार्म पर फेरी करते नजर आते हैं।
आरपीएफ की है जिम्मेदारी
- जानकारों की माने तो फेरी करने वाले ऐसे वेंडरों की धर पकड़ की जिम्मेदारी आरपीएफ को है। बिजासपुर डिवीजन मेंं बैठे आला अधिकारी भी इस बात की पुष्टि करते हैं।
पर स्थानीय आरपीएफ पोस्ट द्वारा रायगढ़ के प्लेटफार्म पर फेरी प्रथा बंद करने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।
स्टॉल संचालक देते हैं फेरी का सामान
- स्टॉल संचालक द्वारा फेरी को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके लिए अवैध वेंडरों की एक टोली सी बनती नजर आती है।
जो ट्रेन के आने से कुछ देर पहले ही स्टॉल संचालक से खान-पान सामान की खेप लेकर फेरी करना शुरू कर देते हैं। वहीं ट्रेन के जाने के बाद उक्त सामान को स्टॉल संंचालक को सुपुर्द कर देते हैं।