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आंध्रप्रदेश या कर्नाटक नहीं, किंधा है रामभक्त हनुमान की जन्मस्थली, छत्तीसगढ़ ने किया दावा

Lord Hanuman Birth Place: हनुमानजी की जन्मस्थली को लेकर आंध्रप्रदेश और कर्नाटक के बीच विवाद के बाद छत्तीसगढ़ ने भी अपना दावा किया है। छत्तीसगढ़ का दावा है कि रायगढ़ का किंधा पहाड़ असल में हनुमानजी का जन्मस्थल है।

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आंध्रप्रदेश या कर्नाटक नहीं, किंधा है रामभक्त हनुमान की जन्मस्थली, छत्तीसगढ़ ने किया दावा

रायगढ़/चूड़ामणि साहू. हनुमानजी की जन्मस्थली को लेकर आंध्रप्रदेश और कर्नाटक के बीच विवाद के बाद छत्तीसगढ़ ने भी अपना दावा किया है। छत्तीसगढ़ का दावा है कि रायगढ़ का किंधा पहाड़ असल में हनुमानजी का जन्मस्थल (Lord Hanuman Birth Place) है। रामायण काल के समय के किष्किंधा का अपभ्रंश अब किंधा हो गया है। यहां पर बाली व मायावी राक्षस के बीच करीब माह भर तक चले भयानक युद्ध की गुफा भी है। यह गुफा किंधा गांव से करीब 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। ग्रामीणों का दावा है कि लंबे समय तक गुफा के अंदर से लाल पानी आता रहा, लेकिन अब यह सूख चुका है।

राम वन गमन पथ भी मौजूद
वनवास काल में भगवान राम का छत्तीसगढ़ में आगमन पूर्व में प्रमाणित हो चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जहां-जहां राम का आगमन हुआ वहां-वहां राम वन गमन पथ निर्धारित किया गया है, इसमें किंधा गांव भी है।

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पहाड़ियों से घिरा गांव है हनुमानजी का जन्मस्थल
रायगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 140 किलोमीटर दूर बसे इस गांव के दोनों ओर पहाड़ हैं। गांव के बुजुर्ग घासीराम राठिया बताते हैं, गांव से करीब 50 मीटर दूरी पर स्थित पहाड़ किष्किंधा है। यहां सुग्रीव व राम की मित्रता हुई थी। इसी किष्किंधा में हनुमानजी का जन्म हुआ। सीता हरण के समय जो जेवर सीताजी ने नीचे फेंके थे, वह भी वहीं मिले थे। दावा है कि राम, सुग्रीव और हनुमान का मिलन किंधा गांव में ही हुआ था। यहीं से रावण की लंका में चढ़ाई करने की कार्य योजना भी तैयार हुई।

किंधा ग्राम पंचायत के सरपंच रामनाथ बैगा का कहना है, वनवास काल के दौरान भगवान राम किंधा गांव आए थे। गांव में इसके प्रमाण मौजूद हैं। यहां से पास में वह गुफा भी है जहां बाली राक्षस को मारने गए थे। इस पहाड़ी की दीवारों पर भीमवैटका की तरह प्राचीन भित्तिचित्र भी हैं।

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छत्तीसगढ़ राम वनगमन पथ कार्यक्रम रायपुर के प्रभारी विकास तिवारी ने कहा, इस संबंध में वहां बिखरे प्रमाणों को आधार बनाकर हम यह दावा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री से बात करके छत्तीसगढ़ हनुमानजी के जन्मस्थल को लेकर अपना दावा पेश कर सकता है। इस स्थल को यहां इसी के अनुरूप विकसित करने के लिए भी बात करेंगे।