
रात होते ही आसमान से बरसते हैं पत्थर, कई हो चुके घायल, पूरे मोहल्ले में चलती है खोजबीन, लेकिन नहीं मिलते पत्थरबाज
रायगढ़. कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत मधुबनपारा नवागढ़ी मोहल्ले में कुछ दिनों से रात होते ही आसमान से पत्थर बरसने लगते हैं। इस पत्थरों से कई लोग घायल हो चुके हैं तो कइयों के मकान, दुकान व सामान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस घटना की चौंकाने वाली बात यह है कि पूरे मोहल्ले को नहीं पता कि पत्थर कौन और कहां से फेंक रहा है।
खोजबीन करने पर कोई नहीं मिलता। ऐसे में क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि करीब पांच-छह दिनों से ऐसा लगातार हो रहा है। इससे क्षेत्र के लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। शाम सात बजते ही पत्थरों की बारिश शुरू होती है तो रात 11 बजे तक लगातार चलती रहती है। 15 मार्च की शाम ही हुए पत्थरबाजी में तीन लोग घायल हो चुके हैं, जिनके सिर पर पत्थर गिरने से उन्हें गंभीर रूप से चोट आई है। आहतों को डायल 112 की मदद से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस संबंध में नवागढ़ी वार्ड नंबर दस निवासी साकीर अली पिता सूबराती अली ने बताया कि उसने 14 मार्च को घटना की लिखित शिकायत कोतवाली में की है। अपने शिकायत में साकीर ने बताया है किस तरह पत्थरबाजी से उसके परिवार व मोहल्लेवासी भय के माहौल में जी रहे हैं। वहीं घरों में पत्थर गिरने से घर तो क्षतिग्रस्त हो ही रहे हैं, साथ ही लोगों को भी चोटें आ रही है। हालांकि इस मामले में अभी तक पुलिस ने किसी प्रकार का अपराध दर्ज नहीं किया है और न ही अज्ञात आरोपियों का सुराग मिल सका है।
आरोपी इंसान हैं या भूत
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब पत्थरबाजी होती है तो मोहल्ले के दस से बारह युवाओं की टोली अज्ञात आरोपियों को पूरे क्षेत्र में ढूंढऩे निकल जाती है, लेकिन पिछले छह दिनों तक युवाओं को न तो एक भी आरोपी दिखे हैं और न ही पकड़े गए हैं। ऐसे में इस आश्चर्यचकित कर देने वाली घटना से कई लोग इसे तंत्र-मंत्र से भी जोड़कर देख रहे हैं कुछ लोग तो इसे भूत-प्रेत की हरकत भी बता रहे हैं। हालांकि यह असामाजिक तत्वों का कारनामा है।
टूट गए छत व अन्य सामान
पत्थरबाजी की इस घटना में कई घरों के छत भी टूट गए हैं। जिनका ढलाई वाला पक्का मकान है उनके छत तो बच जा रहे हैं, लेकिन जिनका खप्पर या एस्बेस्टस का मकान है उनके छत में पत्थर गिरने से छत टूट जा रहे हैं। शिकायतकर्ता साकीर अली ने बताया कि उसके घर के एस्बेटस्टस सीट इसी पत्थरबाजी की बजह से कई स्थानों से टूट गए हैं। वहीं घर की कुर्सियां भी टूट-फूट गई हैं।
दूसरे घर सोने जाते हैं बच्चे
साकीर अली ने अपने शिकायत में बताया कि चूंकि उसका घर एस्बेस्टस का है, ऐसे में रात में सोते समय उसके परिवार पर कभी भी कोई बड़ा सा पत्थर आफत बनकर बरस सकता है। ऐसे में वह रिस्क लेना नहीं चाहता। इसलिए वह अपने बच्चों को रात में दूसरे के घर सोने के लिए भेजता है, जिनके यहां पक्का मकान है। ऐसे में कब तक लोग डर के साये में रहेंगे।
किसी से कोई रंजिश नहीं, फिर भी मार रहे पत्थर
इस संबंध में नवागढ़ी निवासी मेहबूब आलम ने बताया कि वे चार साल से अपने परिवार के साथ यहां रह रहे हैं। उनका किसी के साथ कोई रंजिश या विवाद नहीं है। इसके बाद भी उसके घर पर लोग पत्थरबाजी कर रहे हैं। ऐसे में मेहबूब का पूरा परिवार सहमा हुआ है। उनका कहना है कि आखिर हमें पत्थर मार कर कोई क्या हासिल करना चाह रहा है, यह समझ में नहीं आता।
एकत्र करके रखे हैं पत्थर
स्थानीय लोगों ने अपने घरों में आसमान से बरसने वाले पत्थरों को इकट्टा करके रखा है। उसमें से कई पत्थर को दो किलो या उससे अधिक वजन के हैं। ऐसे में अगर इतना भारी.भरकम पत्थर किसी इंसान के ऊपर गिर जाए तो उसका बचना मुश्किल है। इस स्थिति में नवागढ़ी निवासी क्या करें क्या नहीं उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है।
-नवागढ़ी मोहल्ले में हो रही पत्थरबाजी के संबंध में एक व्यक्ति ने आवेदन दिया है। जिसमें एक दर्जन लोगों के हस्ताक्षर हैं। इस पत्थरबाजी में कई लोग घायल भी हुए हैं, जिनका मेडिकल कराया गया है। उक्त क्षेत्र में रात्रि गश्त बढ़ाया गया है, वहीं आरोपियों की पतासाजी की जा रही है। उनके पकड़े जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी- डीके मार्कण्डेय, टीआई कोतवाली
Published on:
16 Mar 2019 05:59 pm
बड़ी खबरें
View Allरायगढ़
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
