रायगढ़. केलो परियोजना के मुख्य व शाखा नहर का काम शुरू कराने पहुंचे विभागीय अधिकारियों को किसानों का विरोध झेलना पड़ा। किसानों का कहना था कि जब इस नहर से गर्मी में पानी नहीं मिलेगा और प्रभावितों को उचित मुआवजा ही नहीं दिया जा रहा है तो नहर की आवश्यकता ही नहीं है। ऐसे में उन्होंने इसका विरोध किया। उच्चाधिकारियों के मौके पर पहुंचने पर किसान शांत हुए, लेकिन विरोध समाप्त नहीं हुआ। सोमवार से इसका व्यापक विरोध की तैयारी है।
केलो परियोजना के मुख्य नहर के अलावा शाखा नहर का काम लंबे समय से लटका है। बताया जा रहा है कि यह नहर का काम एक छोर से भांठनपाली तक पहुंच चुका है। वहीं दूसरे छोर पर बड़माल तक नहर का काम हो चुका है। अब यह काम नेतनांगर में किया जाना है। शनिवार को विभाग के द्वारा नेतनांगर में नहर निर्माण शुरू कराने पहुंचा था। यहां काम शुरू होते ही किसानों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान किसानों का कहना था कि उन्हें मौजूदा समय का मुआवजा चाहिए, जबकि उन्हें वर्ष २०१३ के दर से मुआवजा दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मुआवजा को चेक भी किसानों के नाम से बन कर तैयार हो गया था, लेकिन किसानों से इसे लेने से इंकार कर दिया। ऐसे में नेतानांगर में नहर निर्माण का काम लटका हुआ है। वहीं किसानों का दूसरा मुख्य मांग गर्मी के समय नहर से पानी दिए जाने की थी। किसानों का कहना था कि बरसात के दिनों में उन्हेंं पर्याप्त पानी बारिश होने पर मिल जाता है। गर्मी के दिनों में रबि फसल के लिए उन्हें पानी चाहिए। गर्मी के दिनों में खेती के लिए पर्याप्त पानी दिए जाने की मांग किसानों ने की, लेकिन इसका उचित जवाब किसानों को नहीं मिला। ऐसे में वे इसका विरोध करने लगे। इस बीच विभाग के उच्चाधिकारी के अलावा एसडीएम सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद किसान शांत हुए। हालांकि तब तक नहर का काम चलता रहा।
व्यापक विरोध की तैयारी में किसान
क्षेत्र के किसान नेता लल्लू सिंह का कहना है कि विभाग उचित मुआवजा किसानों को नहीं दे रहा है। वहीं गर्मी में फसल के लिए यदि प्रशासन किसानों को पानी देने के लिए तैयार होता है तो किसान सहर्ष नहर निर्माण के लिए तैयार हैं। नहर से प्रभावित होने वाले किसानों से चर्चा कर इसका व्यापक विरोध किया जाएगा।
मुख्य नहर से ८० किसान हो रहे प्रभावित
बताया जा रहा है कि नेतनांगर में केलो परियोजना के मुख्य नहर से करीब ८० किसान प्रभावित हो रहे हैं। इसके अलावा शाखा नहर से भी करीब १४-१५ किसान प्रभावित हो रहे हैं। वहीं यह बताया जा रहा है कि नहर निर्माण से गांव का कई हिस्सा प्रभावित होगा। गांव दो भागों में बंट जाएगा।
छांवनी में तब्दील रहा गांव
किसानों के विरोध को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस के जवान मौके पर पहुंच गए थे। हालात यह हो गया था कि सुबह करीब ११ बजे से देर शाम तक नेतनांगर गांव पुलिस छांवनी में तब्दील हो गया था। हालांकि किसी प्रकार से अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हुई।