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आरटीई में चयनित अभ्यर्थी स्कूल जाने के लिए कर रहे मैसेज का इंतजार

शनिवार तक की स्थिति में ड्रा के बाद चयनित बच्चों में से 50 प्रतिशत बच्चों का नाम ऑनलाईन इंट्री किया गया था 50 प्रतिशत का नहीं।

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आरटीई में चयनित अभ्यर्थी स्कूल जाने के लिए कर रहे मैसेज का इंतजार

आरटीई में चयनित अभ्यर्थी स्कूल जाने के लिए कर रहे मैसेज का इंतजार

रायगढ़. सोमवार से नया शिक्षण सत्र चालू हो गया है, लेकिन नए शिक्षण सत्र के एक दिन पहले तक आरटीई में चयनित ५० प्रतिशत गरीब बच्चों के अभिभावकों के पास मैसेज नहीं पहुंच पाया है। जिसके कारण ये अभिभावक यह सोचने पर विवश हैं कि पहले दिन बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचे या नहीं, या फिर प्रवेश प्रक्रिया पूरा करने के लिए स्कूल जाएं या नहीं। ज्ञात हो कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत गरीब बच्चों को प्रायवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत आरक्षित सीट पर प्रवेश दिलाने के लिए इस बार ऑनलाईन आवेदन लिया गया। आवेदन मिलने के बाद विभाग ने स्कूलों के लिए आए आवेदन का ड्रा करने 12 जून तक का समय दिया था ताकि 18 जून से बच्चों को प्रवेश दिलाया जा सके।

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शिक्षा विभाग के अधिकारी ड्रा का काम पूरा होने का दावा कर रहे हैं लेकिन अभी तक ऑनलाईन इंट्री का काम नहीं हो पाया है। ड्रा के दौरान उपस्थित अभिभावकों को यह पता है कि किस स्कूल में बच्चे का एडमिशन कराना है लेकिन यह कहा गया है कि ऑनलाईन इंट्री होने के बाद संबंधित के मोबाईल पर मैसेज आएगा जिसके बाद प्रवेश लेने के लिए संबंधित स्कूलों में जाना है। शनिवार तक की स्थिति में ड्रा के बाद चयनित बच्चों में से 50 प्रतिशत बच्चों का नाम ऑनलाईन इंट्री किया गया था ५० प्रतिशत का नहीं। जिसके कारण आधे अभिभावकों को मैसेज नहीं मिला है जिसके कारण अभिभावक मैसेज का इंतजार कर रहे हैं और सोंचने पर विवश हैं।

ये भी आएगी समस्या
बताया जाता है कि प्रायवेट स्कूल संचालकों को पोर्टल में चयनित बच्चों की सूची नहीं दिखेगी जिसके कारण नोडल अधिकारियों द्वारा दिए गए सूची से मिलान कर प्रवेश देना होगा। जिन स्कूलों का ड्रा किया गया है वहां की सूची तो दे दी गई है लेकिन जिन स्कूलों का ड्रा नहीं हुआ है उन स्कूलों को बच्चों की सूची नहीं दी गई है।

प्रवेश के बाद रहेगी इसकी चिंता
अधिकांश प्रायवेट स्कूलों में मार्च माह में ही नया शिक्षण सत्र चालू हो गया है। मार्च और अप्रैल का आधा मिलाकर करीब डेढ़ माह का कोर्स पूरा करा दिया गया है। अब शिक्षा विभाग सरकारी शिक्षण सत्र के हिसाब से प्रवेश दिला रहा है जिसके कारण इन बच्चों को पिछले डेढ़ माह का कोर्स कवर करना होगा।