
CG Job News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में आंबेडकर अस्पताल में 12 कंप्यूटर ऑपरेटरों की कमी ने काम को बुरी तरह प्रभावित किया है। सबसे ज्यादा परेशानी रेडियो डायग्नोसिस के मरीजों को हो रही है। वे बिलिंग के लिए ओपीडी गेट के पास काउंटर नंबर 6 में आ रहे हैं। यहां से बिलिंग कराने के बाद विभाग में जांच के लिए जा रहे हैं। बाकी विभागों में काम प्रभावित हुआ है। अस्पताल प्रबंधन ने दो ऑपरेटर दिए हैं, जिन्हें बिलिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है।
जांच फ्री हो या शुल्क वाली, सभी को बिल की रसीद जमा करनी होती है। इसलिए कंप्यूटर ऑपरेटरों की कमी व बिल की अनिवार्यता से मरीजों की समस्या बढ़ गई है। स्टेट नोडल एजेंसी एसएनए ने 7 कंप्यूटर ऑपरेटरों को वापस बुला लिया है, मतलब नौकरी खत्म कर दी है। वहीं अस्पताल के 5 ऑपरेटरों ने नौकरी छोड़ दी है। इसमें कुछ पुराने ऑपरेटर भी थे, जो लंबे समय से काम कर रहे थे।
वेतन नहीं बढ़ने का हवाला देकर नौकरी छोड़ी गई है। अस्पताल में ओपीडी परची से लेकर इनडोर भर्ती के लिए कंप्यूटर ऑपरेटरों की जरूरत पड़ती है। यही नहीं डॉटा एंट्री ऑपरेटर भी जरूरी है। हर विभाग के ओपीडी में कंप्यूटर ऑपरेटर की जरूरत है, जो ओपीडी परची को स्कैन कर सील लगाता है। इसके बाद ही मरीज डॉक्टर से इलाज करवा सकता है।
मंगलवार की दोपहर 1 बजे के आसपास रेडियो डायग्नोसिस के बिलिंग काउंटर में मरीजों की भीड़ लगी थी। वे बिल नहीं बनाने व ओपीडी गेट के पास बिलिंग करने के लिए भेजने से नाराज लग रहे थे। विभाग में एक काउंटर है, जहां बिलिंग के साथ-साथ आयुष्मान भारत योजना के तहत परची निकाली जाती है।
दरअसल एमआरआई व सीटी स्कैन जांच महंगी है। इसलिए ये जांच आयुष्मान कार्ड से फ्री हो जाती है। संबंधित स्टाफ एचओडी से शिकायत कर रहा था कि कंप्यूटर ऑपरेटर नहीं होने से बिलिंग नहीं हो पा रही है। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
Published on:
15 May 2025 05:12 pm
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