
120 garage in government land : शहर के बीचो-बीच रामसागरपारा और स्टेशन क्षेत्र से लगी 26 एकड़ जमीन में गंज मंडी की जमीन पर सड़क किनारे 120 से ज्यादा अवैध गैरेज बनाकर रसूखदार लाखों रुपए किराया वसूल रहे हैं। इसके विपरीत यहां के रहवासी दिन भर जाम की िस्थति से जूझ रहे हैं। यहां सड़क और निस्तारी जमीन पर भी अवैध गैरेज तानकर 50 हजार रुपए किराया हर महीने वसूला जा रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है यहां की बेशकीमती सरकारी जमीन का किराया यहां के कुछ रसूखदार लाखों में उठा रहे हैं। यहां से प्रदेश के सभी इलाकों से व्यवसायिक लगेज की बुकिंग होती है, जिसके कारण दिन भर माल वाहकों का रेला लगा रहता है, जिसका असर रामसागर पारा से लेकर समता कॉलोनी तक रहता है। अभी मंडी अनियोजित ढंग से बसी है। इसे सिस्टम से बनाने के लिए नगर निगम ने 2007 में गंज मंडी की पूरी जमीन को समतल कर वहां बड़े कमर्शियल कांप्लेक्स का प्रोजेक्ट लाया था।
बच्चों के स्कूल की राह में सुबह से जाम
गंज मंडी में रहवासी इलाका भी यहां अवैध गैरेजों के कारण सुबह छह बजे से जाम लग जाता है। रात भर माल वाहक ट्रांसपोर्टरों का माल लेकर आवाजाही करते हैं। सुबह बेतरतीब खड़े वाहनों के कारण बच्चों का स्कूल जाना तक मुश्किल हो जाता है।
नए सिरे से दुकानें बसाने की योजना 12 साल से अटकी
गंज मंडी में साढ़े 26 एकड़ जमीन है। निगम की 24 एकड़ जमीन में 500 से अधिक किराएदार काबिज हैं और बाकी जगह खुली थी। तकरीबन दो एकड़ खुली भूमि पर कब्जा हो चुका है। बतादें कि गंज मंडी में दुकानें 12 साल पहले बनना शुरू हुई थीं। गंज मंडी का प्रोजेक्ट रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) ने लाया था, लेकिन जमीन नगर निगम की है। सर्वे शुरू हुआ, ड्राइंग-डिजाइन भी तैयार हो गया, लेकिन व्यापारियों के विरोध की वजह से मामला अटक गया। अब इस प्रोजेक्ट को रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अपने हाथ में लिया था। इसके बाद फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
गंज मंडी में रास्ते और निस्तारी जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध गोदाम बना लिए हैं, इसकी शिकायत जन चौपाल में मिली है। नगर निगम को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
- डॉ. गौरव सिंह, कलेक्टर, रायपुर
Published on:
22 Feb 2024 09:30 am
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