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मैन, मनी, वैपन का था इंतजार

अहमदाबाद के यहूदी धर्मस्थल पर हमले की साजिश रचने के मामले में पकड़े गए आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी कासिम और उबैद को हमले के लिए मैन, मनी और वैपन का इंतज

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Man, Money, WAPAN had a wait

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सूरत।अहमदाबाद के यहूदी धर्मस्थल पर हमले की साजिश रचने के मामले में पकड़े गए आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी कासिम और उबैद को हमले के लिए मैन, मनी और वैपन का इंतजार था। एटीएस ने कासिम और उबैद के साथ जैमेका के अब्दुल्लाह अल फैजल की सोशल मीडिया चैटिंग का खुलासा करते हुए बताया कि दोनों जिहाद करना चाहते थे। गिरफ्तारी से डेढ़ महीने पहले फेसबुक पर चैटिंग में अब्दुल्ला ने कासिम से पूछा था कि तुम क्या करना चाहते हो? तो उसने लिखा कि वह जिहाद करना चाहता है।

अब्दुल्ला ने पूछा कि तो फिर इंतजार किस बात का कर रहे हो? इसके बीस दिन बाद अब्दुल्ला के साथ उबैद की भी चैटिंग हुई थी। इसमें उसने भी जिहाद करने की बात की थी और लिखा था कि हमें मैन, मनी और वैपन का इंतजार है।

इनकी व्यवस्था होते ही जिहाद का आगाज कर देंगे। एटीएस अधिकारी के.के. पटेल ने बताया कि दोनों से सालभर पहले पालघर समुद्र तट पर लावारिस हालत में बरामद हुए हथियारों के बारे में भी पूछताछ की गई, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पाई। पालघर समुद्र तट से पुलिस ने १२ किलो आरडीएक्स, २ किलो अमोनियम नाइट्रेट, जिलेटिन की छड़ें और 33 डेटोनेटर बरामद किए थे। एटीएस ने लंबे समय तक तकनीकी सर्वेलेंस के बाद अहमदाबाद में आईएसआईएस के आतंकी हमले की बड़ी साजिश का खुलासा करते हुए अंकलेश्वर से कासिम स्टिम्बरवाला तथा सूरत से उबैद मिर्जा को गिरफ्तार कर दस दिन के रिमांड पर लिया था।

बालाजी संप्रदाय मंदिर ट्रस्ट में घोटाले का आरोप

फर्जी हस्ताक्षर कर गलेमंडी के श्री बालाजी चार संप्रदाय मंदिर ट्रस्ट संपत्ति की खरीद-फरोख्त को लेकर महिधरपुरा पुलिस ने छह जनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक गलेमंडी रोड पर श्री बालाजी चार संप्रदाय मंदिर निवासी डॉ. दीपांशु महाराज मिश्रा ने कामरेज सीमाडा गांव निवासी कनु पटेल, कोसमाडी निवासी हसमुख पटेल, विनोद चंद्र पटेल, वराछा श्रीजी कृपा सोसायटी निवासी नानु पटेल, सतीष रावल और हरिपुरा श्रीनाथजी अपार्टमेंट निवासी भाविन शेठ पर नियोजित साजिश के तहत घोटाला करने का आरोप लगाया है।

आरोप के मुताबिक २०१3 से २०१६ के दौरान इन लोगों ने निजी हित साधने के लिए अन्य ट्रस्टियों के फर्जी हस्ताक्षर कर कई महत्वपूर्ण निर्णय किए। उन्होंने फर्जी हस्ताक्षर कर ट्रस्ट की संपतियों की खरीद-फरोख्त और अन्य आर्थिक लेन-देन के कार्य भी किए। इस बारे में आवाज उठाने पर उन्होंने डॉ.दीपांशु महाराज को जान से मारने की धमकी दी। महाराज की शिकायत पर महहिधरपुरा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।