
प्रदेश के 17 जिले फाइलेरिया के लिए संवेदनशील
रायपुर. प्रदेश के २8 में से 17 जिले फाइलेरिया (हाथी पांव) रोग के लिए संवदेनशील हैं, जिसमें करीब २१५ लाख लोग रहते हैं। रायपुर जिले के आरंग, अभनपुर तथा रायपुर नगर का कुशालपुर, खपराभट्टी क्षेत्र इस रोग के लिए अति संवदेनशील क्षेत्र में हैं। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए अब कमर कस ली है। इस अभियान की तैयारियों के सिलसिले में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के शिशु स्वास्थ्य उपसंचालक अमर सिंह ठाकुर, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विमल किशोर राय और सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सालों से क ार्यक्रम चला रही है, लेकिन लोगों में जागरूकता के अभाव के कारण यह दूर नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि टीम घरों तक पहुंचकर सदस्यों को दवाएं देती है लेकिन वह खाने की बजाय रख लेते हैं। २४ फरवरी से शुरू तीन दिवसीय राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीम शून्य से १९ वर्ष तक के लोगों को अपने सामने एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाएगी।
रायपुर जिले में २३ लाख 14 हजार 49 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत २4 से २6 फरवरी तक सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा। २9 को छूटे हुए लोगों के लिए मापअप राउंड चलाया जाएगा। राज्य के 8 जिले रायपुर, गरियाबंद, बलौदाबाजार, महासमुंद, बिलासपुर, मुंगेली, पेंड्रा-गौरेला-मरवाही एवं रायगढ़ में सामूहिक दवा सेवन (एमडीएस) तथा अन्य २० जिलों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम मनाया जाएगा। रायपुर जिले में 23 लाख 14 हजार 49 लोगों को एल्बेंडाजॉल खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
मच्छर काटने से होता रोग
फाइलेरिया संक्रमित मादा क्ल्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। संक्रमण प रव्यक्ति को मच्छर जनित रोगों की तरह ही ठंड लगकर बुखार आता है एवं प्रभावित अंग में लालीमा व सूजन आ जाती है। अधिकारियों ने लोगों से अपील किया कि घर के अंदर और बाहर स्वच्छता रखें।
Published on:
22 Feb 2020 10:08 pm
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