सरकार की सख्ती के बाद मंगलवार को शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक मंडल की बैठक हुई। संजय शर्मा, वीरेन्द्र दुबे, केदार जैन, विकास राजपूत व अन्य पदाधिकारियों की बैठक में आंदोलन को विस्तारित करने का फैसला लिया गया। अब शिक्षाकर्मी 29 नवम्बर से 1 दिसम्बर तक सभी विकासखण्ड मुख्यालयों में क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे। इसमें पांच महिला और पांच पुरुष प्रतिदिन भूख हड़ताल पर रहेंगे। सरकार पर दवाब बनाने के लिए शिक्षाकर्मी 2 दिसम्बर को पूरे परिवार सहित रायपुर में बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर पहुंचेंगे और संविलियन रैली निकालकर प्रदर्शन करेंगे। बैठक में मनोज सनाढ्य, सुधीर प्रधान, बसंत चतुर्वेदी सहित अन्य मौजूद थे।
शिक्षाकर्मियांें के जारी हड़ताल के समर्थन में दंतेवाड़ा के बचेली, किरंदुल व भांसी के व्यापारी भी आ गए हैं। इन व्यवसायियों ने मंगलवार को अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर आंदोलनकारियों का समर्थन किया। इससे पहले हड़ताली शिक्षाकर्मियों के समर्थन में कुछ यूनियन व अन्य राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी पहुंचे।
मंत्रिपरिषद की बैठक में शिक्षाकर्मियों की हड़ताल का मुद्दा उठा। इसमें शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाले जाने पर मंत्रिमंडल के सदस्य नाराज हुए। बैठक में मंत्रियों ने अधिकारियों को हड़ताल का स्थायी समाधान निकालने की बात कही। जब मंत्रियों ने पूछा, शिक्षाकर्मियों का आंदोलन किस तरह समाप्त किया जा सकता है, तो अफसर साफ जवाब नहीं दे सकें।
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे शिक्षाकर्मियों के टेंट-तंबू को मंगलवार को प्रशासन ने जब्त कर लिया। नायब तहसीलदार एम के पड़वार ने पंडाल न लगाने की हिदायत दी।
संविलियन समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे शिक्षाकर्मियों की बर्खास्तगी के खिलाफ रायपुर आरंग के शिक्षाकर्मी हरीश दीवान ने मंगलवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शासन के बर्खास्तगी आदेश को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है, शिक्षाकर्मियों की बर्खास्तगी आदेश नियम विरुद्ध जारी किए गए हैं। याचिका में कहा गया है, शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करने का अधिकार जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत की सामान्य सभा को है।